वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यहां सोमवार को विपक्षियों पर इशारों-इशारों में निशाना साधा और कहा कि "हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर, जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब अपना परिवार और अपने परिवार का नाम होता है। हमारा ध्यान देश की विरासत और संस्कृति बचाने पर है." प्रधानमंत्री यहां देव दीपावली के अवसर पर बोल रहे थे.उन्होंने कहा, "हमारे लिए विरासत का मतलब हमारी आस्था, हमारी संस्कृति, हमारे मूल्य। उनके लिए विरासत का मतलब है अपनी प्रतिमाएं, अपने परिवार की तस्वीरें. हमारे देवी-देवताओं की ये प्राचीन मूर्तियां, हमारी आस्था के प्रतीक के साथ ही हमारी अमूल्य विरासत भी हैं.ये बात भी सही है कि इतना प्रयास अगर पहले किया गया होता, तो ऐसी कितनी ही मूर्तियां, देश को काफी पहले वापस मिल जातीं."
उन्होंने कहा, "काशी के लिए एक और भी विशेष अवसर है। कल मन की बात में भी मैंने इसका जिक्र किया था. सौ साल से भी पहले माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी, वो वापस आ रही है.माता अन्नपूर्णा एक बार फिर अपने घर लौटकर वापस आ रही हैं. मोदी ने कहा, "आज हम रिफॉर्म्स की बात करते हैं, लेकिन समाज और व्यवस्था में रिफॉर्म्स के बहुत बड़े प्रतीक तो स्वयं गुरु नानक देव जी ही थे. हमने ये भी देखा है कि जब समाज, राष्ट्रहित में बदलाव होते हैं, तो जाने-अनजाने विरोध के स्वर जरूर उठते हैं. यह भी पढ़े: Dev Deepawali 2020: वाराणसी के गंगा घाट पर पीएम मोदी ने जलाया दीया, लाखों दीयों से जगमगाने लगी काशी, देखें वीडियो
लेकिन जब उन सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है तो सबकुछ ठीक हो जाता है. यही सीख हमें गुरुनानक देवजी के जीवन से मिलती है। हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर.जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है, अपना परिवार और अपने परिवार का नाम। लेकिन कुछ लोगों की सोच अलग रही है. प्रधानमंत्री ने कहा, "काशी के लिए जब विकास के काम शुरू हुए थे तो विरोध करने वालों ने तब भी विरोध किया था.आपको याद होगा कि जब काशी ने तय किया था कि बाबा का दरबार बनेगा, कॉरिडोर बनेगा.. आज बाबा की गुफा से काशी का गौरव जीवित हो रहा है. "
मोदी ने कहा, "नेक नीयत से जब काम किए जाते हैं तो विरोध के बावजूद उनकी सिद्धि होती है। आज ये दीपक उन आराध्यों के लिए भी जल रहे हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए, जो जन्मभूमि के लिए बलिदान हुए। काशी की ये भावना, देव दीपावली की परंपरा का ये पक्ष भावुक कर जाता है. इस अवसर पर मैं देश की रक्षा में अपनी शहादत देने वाले, हमारे सपूतों को नमन करता हूं."
प्रधानमंत्री ने कहा कि देव दीपावली पर यही संदेश है कि सबमें सकारात्मकता का भाव हो। समूची दुनिया करुणा-दया के भाव को स्वयं में समाहित करे। विश्वास है कि ये संदेश, प्रकाश की ऊर्जा पूरे देश के संकल्पों को सिद्ध करेगी.देश ने आत्मनिर्भर भारत की जो यात्रा शुरू की है, उसे हम पूरा करेंगे.