![Nirbhaya Gangrape Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषी पवन की याचिका, नाबालिग मानने से किया इनकार Nirbhaya Gangrape Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषी पवन की याचिका, नाबालिग मानने से किया इनकार](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/01/BeFunky-collage-27-380x214.jpg)
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) में दोषी फांसी से बचने की कोई कोशिश नहीं छोड़ रहे हैं. इस बीच पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों के खिलाफ एक फरवरी के लिए जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए दायर की गई अर्जी पर सुनवाई हुई. दोषी पवन के वकील ने याचिका की थी कि अपराध के वक्त पवन नाबालिक था. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन को नाबालिक मानने से इनकार कर दिया है. कोर्ट में शनिवार को सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील ने कहा कि अभी उनके पास कानूनी उपाय उपलब्ध हैं. वहीं वकील ने दिल्ली जेल नियम का हवाला देते हुए कहा कि एक ही जुर्म के दोषियों को फांसी एक साथ ही दी जा सकती है. ऐसे में डेथ वारंट पर रोक लगाई जानी चाहिए. सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से कोर्ट में कहा है कि चाहें तो तय तारीख को बाकी 3 दोषियों को फांसी दी जा सकती है.
दोषी पवन की याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि विनय ने दया याचिका लगाई है, इसलिए हमें याचिका के निपटारे तक इंतजार करना होगा, लेकिन बाकी तीनों को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाने में किसी नियम का उल्लंघन नहीं होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका-
2012 Delhi gang rape case: Supreme Court dismisses convict Pawan Gupta's petition claiming that he was a juvenile when the offence took place. https://t.co/nab27Etbyc
— ANI (@ANI) January 31, 2020
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील की दलील पर दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने पवन गुप्ता की जुविनेल्टी से जुड़ी पुनर्विचार याचिका दाखिल की हुई है, जिस पर सुनवाई होनी बाकी है.निर्भया की मां की तरफ से पेश वकील ने दलील दी कि दोषी फांसी से बचने के हथकंडे अपना रहे हैं.
निर्भया की वकील सीमा ने कहा कि सभी दोषियों सालों से लगातार इस मामले को लंबा खींचने की कोशिश कर रहे हैं. जब तक पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में डेथ वारंट जारी नहीं कर दिया इन लोगों में किसी ने कोई याचिका नहीं लगाई.
मामले में गुरुवार को दोषी अक्षय की क्यूरेटिव याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट दोषी विनय और मुकेश की क्यूरेटिव याचिका पहले ही खारिज कर चुका है. याचिका खारिज होने के बाद अब केवल एक दोषी पवन के पास क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का विकल्प है.
16 दिसंबर 2012 का मामला
निर्भया गैंगरेप केस 16 दिसंबर 2012 का है. सात साल पहले 16 दिसंबर की रात दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से रेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया की गंभीर हालत में सड़क पर फेंक दिया गया था. दिल्ली में इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट करके सिंगापुर ले जाया गया था. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे.
इस मामले के 6 दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे सुधार गृह भेजा गया था. एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी. चार अन्य दोषियों- पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा की फांसी के लिए दूसरी बार डेथ वॉरंट जारी हो चुका है. इसमें फांसी की तारीख 1 फरवरी मुकर्रर की गई है. पहले वॉरंट में यह तारीख 22 जनवरी तय की गई थी.