मुंबई: एक शख्स ने अपने बेटे के इलाज के लिए बचाए हुए पूरे पैसे ऑनलाइन फ्रॉड में खो दिए. पीड़ित संकेत कुमार वर्मा ने अपने बेटे के कैंसर के इलाज के लिए लगभग 90,000 रुपये बचाए थे, इन पैसों का वर्मा अपने 11 वर्षीय बेटे का बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने वाले थे. 24 दिसंबर को 35 वर्षीय पीड़ित के फोन पर एक मैसेज आया, इस मैसेज में लिखा था कि केवाईसी न होने की वजह से आपका ई-वॉलेट बंद होने वाला है. इस मैसेज में एक फोन नंबर भी लिखा गया था, वर्मा ने मैसेज पढ़ा तो वह घबरा गया और उसने मैसेज में दिए गए नंबर पर संपर्क किया. जिस व्यक्ति ने वर्मा की कॉल का जवाब दिया, उसने कथित रूप से क्विक सपोर्ट ऐप (Quick Support App) नाम का एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा. ऐप को कथित तौर पर वर्मा के दो बैंक खातों के साथ जोड़ा गया था.
35 वर्षीय व्यक्ति ने ऐप डाउनलोड किया लेकिन उसे अपने दोनों खातों की स्थिति के बारे में कोई संदेश नहीं मिला. इस बीच, वर्मा के दो बैंक खातों से कुल 90,000 रुपये ट्रांसफर किए गए. जब वर्मा ने फोन पर व्यक्ति से पैसे डेबिट होने के बारे में पूछा तो उसने फोन काट दिया. मामले से परिचित एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने बैंकों से यह पता लगाने के लिए विवरण मांगा है कि वर्मा के बैंक खातों में से किस खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं."
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इस साल दिसंबर में मुंबई के एक व्यक्ति ने अपना ओटीपी शेयर करने के बाद ऑनलाइन धोखाधड़ी में 96,000 रुपये खो दिए. पीड़ित ने कथित तौर पर अपना ओटीपी तब शेयर किया जब वह ऑनलाइन शराब खरीदने की कोशिश कर रहा था. 50 वर्षीय व्यक्ति ब्रीच कैंडी का निवासी है.