मोदी सरकार ने पूर्वी यूपी को दी बड़ी सौगात, इलाहाबाद-गोरखपुर का सफर होगा और सुहावना, बढेगा रोजगार
वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाते हुए पीएम मोदी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने लगातार दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता को पहला बड़ा तोहफा दिया है. पूर्वी यूपी में रेल कनेक्टिलिटी को और भी बेहतर करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने दो अहम रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इसमें सहजनवा से दोहरीघाट तक 81.17 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाने और इलाहाबाद-मुगलसराय के बीच 150 किलोमीटर लंबी तीसरी रेललाइन का निर्माण शामिल है.

मिली जानकारी के मुताबिक सहजनवा और दोहरीघाट के बीच बनने वाली इस नई रेल लाइन के निर्माण पर कुल 1319.75 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. उत्‍तर पूर्वी रेलवे यह परियोजना साल 2023-24 तक पूरा कर लेगी. परियोजना ऐसी जगह शुरू की गई है जो सघन आबादी, आर्थिक रूप से पिछड़े और सड़क संपर्क सुविधाओं के अभाव वाला इलाका है.

नई रेललाइन के बनने से अब छपरा से लखनऊ के लिए गोरखपुर होकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस प्रस्‍तावित परियोजना से स्‍थानीय लोगों को रेल संपर्क सुविधा मिलने के साथ ही लघु उद्योगों के विकास में भी मदद मिलेगी. केंद्र सरकार के एक अनुमान के अनुसार इस नई रेल लाइन से लगभग 19.48 लाख दिनों का काम स्थानीय लोगों को मिलेगा.

गोरखपुर पहुंचना होगा आसान- 

सहजनवा से दोहरीघाट के बीच बनने वाली नई रेल लाइन का ज्‍यादातर हिस्‍सा गोरखपुर जिले और बाकी का छोटा हिस्‍सा उत्‍तर प्रदेश के मऊ जिले में पड़ता है. इंदारा-दोहरीघाट के बीच रेललाइन के दोहरीकरण को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है और अब दोहरीघाट-सहजनवा के बीच नई रेललाइन बनने से गोरखपुर से अलग एक वै‍कल्पिक मार्ग उपलब्‍ध होगा.

इसके साथ ही आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में पीएम मोदी ने सघन रेल यातायात वाले इलाहाबाद और मुगलसराय रेलमार्ग पर 150 किलोमीटर लंबी तीसरी रेललाइन के निर्माण को भी मंजूरी दी है. कुल 2649.44 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना 2023-24 तक पूरी हो जाएगी. इसके निर्माण की जिम्मेदारी उत्‍तर मध्‍य रेलवे को दी गई है.

छिवकी में अब ट्रेन नहीं होगी लेट-

परियोजना भविष्‍य में बढ़ने वाले रेल यातायात के साथ सहजता से निपटने तथा इसके लिए आवश्‍यक क्षमताओं की कमी को दूर करने में मददगार होगी. वर्तमान समय में इस रूट पर यात्री गाडि़यों और मालगाडि़यों पर क्षमता से अधिक दबाव है जिसके कारण कई बार ट्रेनें लेट हो जाती है. इसके बनने पर नैनी के समीप छिवकी में ट्रेनों के ट्रैफिक को कम किया जा सकेगा. इससे राजधानी दिल्‍ली को जोड़ने वाले प्रमुख रेल रूटों पर ट्रेनों का परिचालन समय से हो सकेगा. साथ ही इससे 36 लाख दिनों के रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.