
भारत की सख्त प्रतिक्रिया और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान पहलगाम हमले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए तैयार है. यह बयान भारत द्वारा पाकिस्तान पर आरोप लगाए जाने के बाद आया है, जिसमें भारत ने हमलावरों के सीमा पार से होने की संभावना जताई है.
भारत की सख्ती के बीच शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के जिम्मेदार रुख को दोहराते हुए कहा, "हम किसी भी निष्पक्ष और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार हैं, बशर्ते यह पारदर्शी हो." प्रधानमंत्री शरीफ का यह बयान एक तरह से भारत के आरोपों का जवाब भी है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के हाथ इस हमले से जुड़े होने की बात कही थी.
भारत ने इस हमले के बाद एकतरफा रूप से सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए. वहीं, पाकिस्तान ने सिमला समझौते को निलंबित कर दिया और भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया. भारत के इन कदमों के बाद पाकिस्तान की स्थिति काफी दबाव में आ गई है, जिससे शहबाज शरीफ को अपनी भाषा को नरम करने और पाकिस्तान की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में साख बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना पड़ा है.
BREAKING: “Kashmir is Pakistan’s jugular vein,” says PM Shahbaz Sharif just days after similar statement by Army Chief Asim Munir pic.twitter.com/1N2QP5Aicv
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) April 26, 2025
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आगे कहा, "भारत ने बिना किसी ठोस जांच या प्रमाण के पाकिस्तान पर आरोप लगाए हैं. हम हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ खड़े रहे हैं और हमने भारी कीमत चुकाई है. पाकिस्तान के लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ जंग में 90,000 से अधिक जानें गंवाई हैं, और हमारी आर्थिक क्षति 600 अरब डॉलर से अधिक है."
उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर भी भारत को घेरा और कहा, "कश्मीर पाकिस्तान के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है, जैसा कि हमारे संस्थापक क़ैदी-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था, कश्मीर पाकिस्तान की शिराओं की तरह है."
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारतीय आरोपों के बावजूद एक बार फिर यह दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ सख्त है और किसी भी तरह के आतंकवादी हमलों की निंदा करता है. उनके इस बयान से यह भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर दबाव बनाए रखेगा, ताकि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए उचित और निष्पक्ष जांच हो सके.
यह बयान पाकिस्तान के लिए एक प्रकार से अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश है, जबकि भारत ने अपने कदमों को तेज कर दिया है. अब देखना यह होगा कि क्या पाकिस्तान इस मामले में अपनी बात को साबित कर पाता है या फिर भारत का दबाव बढ़ता रहेगा.