नयी दिल्ली, 20 मई राष्ट्रीय राजधानी में पारा चढ़ने और कुछ इलाकों में लू चलने के साथ सोमवार को बिजली की अधिकतम मांग 7,572 मेगावाट पर पहुंच गयी. यह मई में राष्ट्रीय राजधानी में अबतक की सर्वाधिक मांग है.शहर की प्रमुख बिजली वितरण कंपनियों बीएसईईएस और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. ने अपने-अपने क्षेत्रों में बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने का दावा किया है.दिल्ली स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को अपराह्न 3.33 बजे बिजली की अधिकतम मांग 7,572 मेगावाट पर पहुंच गयी. यह मई में अबतक की सर्वाधिक मांग है.पिछले साल 22 अगस्त को बिजली की अधिकतम मांग 7,438 मेगावाट गयी थी. यह उससे भी अधिक है.
इससे पहले, दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 29 जून, 2022 को रिकॉर्ड 7,695 मेगावाट तक गयी थी.शहर की बिजली वितरण कंपनियों ने इस साल गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 8,000 मेगावाट के पार कर जाने का अनुमान जताया है.वितरण कंपनियों ने सोमवार को बयान में कहा कि यह लगातार तीसरा दिन है जब दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 7,000 मेगावाट से अधिक रही है. इससे पहले, मई में बिजली की अधिकतम मांग 19 मई, 2022 को रिकॉर्ड 7,070 मेगावाट थी.
उन्होंने कहा कि पारा चढ़ने और शहर के कुछ इलाकों में लू चलने से बिजली की मांग बढ़ी है.
उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कंपनी ने परिचालन क्षेत्र में बिना किसी नेटवर्क बाधा और बिजली कटौती के 2,178 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया.यह इस मौसम में अबतक की सबसे अधिक मांग है.’’ यह भी पढ़े :Punjab School Summer Vacation: हीटवेव पर पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, 21 मई से 30 जून तक राज्य के सभी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी घोषित
बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ बीएसईएस राजधानी पावर लि. (बीआरपीएल) ने दक्षिण और पश्चिम दिल्ली में 3,274 मेगावाट तथा बीएसईएस यमुना पावर लि. ने पूर्वी और मध्य दिल्ली के अपने क्षेत्रों में 1,664 मेगावाट बिजली की अधिकतम मांग को पूरा किया.’’
सोमवार को जारी मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान के ज्यादातर स्थानों और पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश के कई हिस्सों तथा पूर्वी मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 43 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा.
बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी की दोनों वितरण कंपनियां लगभग 50 लाख उपभोक्ताओं की बिजली मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को पूरी तरह तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि इन व्यवस्थाओं में अन्य राज्यों के साथ दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते और बिजली की मांग का सटीक अनुमान लगाने के लिए कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग जैसी नवीनतम प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल है.प्रवक्ता ने कहा कि भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में लगभग 2,100 मेगावाट हरित बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
टाटा पावर डीडीएल के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ गर्मी के इस मौसम के लिए हमारी बिजली की व्यवस्था में दीर्घकालीन समझौते और रोहिणी एवं रानी बाग में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) शामिल हैं। ये निर्बाध बैक-अप और निरंतर भरोसेमंद बिजली प्रदान करते हैं. यह पूरी व्यवस्था गर्मी में अधिकतम मांग से निपटने में सक्षम है.’’
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