
Mumbai Police: मुंबई में साइबर अपराध पर अंकुश लगाने और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को अत्याधुनिक वाहन, फोरेंसिक वैन, महिला सहायता कक्ष और साइबर लैब का उद्घाटन किया. इस पहल का उद्देश्य अपराध स्थल पर त्वरित और प्रभावी जांच सुनिश्चित करना है, जिससे अपराधों की जांच प्रक्रिया तेज और सटीक हो सके.
इन उपक्रमों से मुंबई पुलिस होगी और हाईटेक
मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट वैन से घटनास्थल पर ही प्राथमिक फॉरेंसिक जांच की जा सकेगी, जबकि मोबाइल विक्टिम स्पॉट यूनिट पीड़ितों को तुरंत सहायता प्रदान करने में सक्षम होगी। इसके साथ ही, आधुनिक सुविधाओं से लैस पुलिस टू-व्हीलर्स का उपयोग ट्रैफिक नियंत्रण और आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए किया जाएगा.
मुंबई में सायबर अपराध पर नकेल कसने की सरकार की कोशिश
#WATCH | मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "हमने मुंबई पुलिस की ओर से कुछ बहुत अच्छे उपक्रमों का लोकार्पण किया है जिसमें साइबर सुरक्षा के लिए 3 साइबर लैब शामिल हैं, जो बहुत अच्छी तरह से सुसज्जित हैं। इन दिनों साइबर अपराध बहुत बढ़ रहे हैं। इनसे निपटने के लिए… pic.twitter.com/NQUNPeQiLL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 7, 2025
इन उपक्रमों से साइबर अपराध पर लगेगी रोक: फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, "हमने मुंबई पुलिस की ओर से कुछ महत्वपूर्ण उपक्रमों का लोकार्पण किया है, जिनमें साइबर सुरक्षा के लिए 3 साइबर लैब शामिल हैं, जो अत्यंत सुसज्जित हैं। इन दिनों साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, और इनसे निपटने के लिए ये लैब सहायक सिद्ध होंगी. इसके अलावा, फोरेंसिक वैन तैयार की गई हैं, और महिला अपराध के दृष्टिगत विशेष वैन भी बनाई गई हैं। मुंबई पुलिस ने प्रत्येक पुलिस स्टेशन में महिला सहायता सेल खोला है, जिसके माध्यम से महिलाओं को सहायता मिल सकेगी.
मुंबई पुलिस को जल्द ही दो और मिलेगा हाईटेक लैब
वहीं मुंबई में सीएम के हाथों साइबर लैब के उद्घाटन के बाद इस मौके पर सीनियर पीआई दक्षिण क्षेत्र साइबर नंदकुमार गोपाले ने बताया कि मुंबई में कुल सात साइबर लैब हैं, जिनमें से तीन का उद्घाटन हो चुका है, जबकि बाकी दो पर काम चल रहा है. ये लैब साइबर अपराधों से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। इसका मकसद इलेक्ट्रॉनिक डेटा को रिकवर करना, सीसीटीवी फुटेज को बेहतर करना, पासवर्ड से सुरक्षित फाइलें खोलना और क्षतिग्रस्त डिवाइस से डेटा निकालना है.
नंदकुमार गोपाले ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इन लैब में ऐसे सॉफ्टवेयर मौजूद हैं, जो अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को ट्रेस कर सकते हैं। खास तौर पर बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी के मामले, जो लगातार बढ़ रहे हैं, उन पर नजर रखने के लिए भी खास कदम उठाए गए हैं. उन्होंने बताया कि एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से पैसे के लेन-देन का पूरा ट्रेल ट्रैक किया जा सकता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि पैसा कहां से कहां ट्रांसफर हुआ.