Shivaji Maharaj Statue Collapse: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा ढहने के बाद सियासत गरमा गई है. मामले में विपक्ष महाराष्ट्र सरकार को घेरते हुए पर सवाल उठा रहा हैं.वहीं महाराष्ट्र के दौरे पर आये पीएम मोदी ने पालघर में एक कार्य्रकम के दौरान शिवाजी की प्रतिमा गिरने को लेकर माफ़ी मांगी हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं है...आज मैं सिर झुकाकर अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से माफी मांगता हूं. हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो गाली देते रहते हैं और भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर का अपमान कर रहे हैं, वे माफी मांगने को तैयार नहीं हैं, वे अदालत में जाने और लड़ने के लिए तैयार हैं.
सीएम शिंदे ने भी कहा 100 बार माफी मांगने को तैयार:
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वो शिवाजी महाराज मूर्ति गिरने के लिए 100 बार माफी मांग सकते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराष्ट्र के संरक्षक देवता हैं. मैं 100 बार उनके पैर छूने और (प्रतिमा दुर्घटना के लिए) माफी मांगने को तैयार हूं. हमारी सरकार शिवाजी के आदर्शों को ध्यान में रखते हुए काम करती है. यह भी पढ़े: क्या शिवाजी महाराज की प्रतिमा की ऊंचाई तय करने से पहले वैज्ञानिक अध्ययन किया गया था: अंबादास दानवे
पीएम मोदी ने मांगी माफ़ी:
#WATCH | Palghar, Maharashtra: PM Narendra Modi speaks on the Chhatrapati Shivaji Maharaj's statue collapse incident in Malvan
He says, "...Chhatrapati Shivaji Maharaj is not just a name for us... today I bow my head and apologise to my god Chhatrapati Shivaji Maharaj. Our… pic.twitter.com/JhyamXj91h
— ANI (@ANI) August 30, 2024
विपक्ष राजनीति ना करें: सीएम शिंदे:
सीएम शिंदे ने इस मामले पर विपक्ष से राजनीति न करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास राजनीति करने के लिए और भी मुद्दे हैं लेकिन महाराष्ट्र के योद्धा शिवाजी महाराज को इससे दूर रखा जाना चाहिए.
एकनाथ शिंदे ने गुरुवार की बैठक में शिवाजी महाराज की भव्य और उत्कृष्ट प्रतिमा बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग को देश के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकारों, वास्तु इंजीनियरों, विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक समिति नियुक्त करने के भी निर्देश दिए.
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए इंजीनियर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक संयुक्त तकनीकी समिति गठित की है