कोलकाता: RG कर अस्पताल में एक लेडी डॉक्टर के साथ हुए भयानक रेप और मर्डर की घटना के एक महीने बाद भी, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) मामले को सुलझाने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है. CBI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच एजेंसी इस जघन्य अपराध की सभी कड़ियों को जोड़ने में विफल हो रही है, क्योंकि इस केस में पर्याप्त सबूत नहीं मिल पा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सबूतों की कमी के कारण जांच में कई रुकावटें आ रही हैं. घटना को 30 दिन बीत चुके हैं, लेकिन जांचकर्ता अभी तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि अपराध की असली वजह क्या है.
सीबीआई जांचकर्ताओं ने कहा कि अपराध स्थल से साक्ष्यों के अभाव के कारण वे मामले की कई कड़ियां जोड़ने में असमर्थ हैं और इससे अपराध की जांच प्रभावित हुई है. कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच अपने हाथ में ली. इससे पहले कोलकाता पुलिस मामले की जांच कर रही थी.
सबूतों की कमी से जांच प्रभावित
CBI 13 अगस्त से मामले की जांच कर रही है लेकिन इस केस में कोई अन्य आरोपी सामने नहीं आया है, जबकि कई लोगों द्वारा दावा किया गया था कि इस अपराध में कई लोग शामिल हो सकते हैं. पुलिस ने इस मामले में कोलकाता पुलिस के सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया था.
CBI अधिकारी ने कहा, "इस केस में सबूतों की कमी है, और यही वजह है कि हमारी टीम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है. हालांकि, सबूत, लोगों से पूछताछ और DNA परीक्षण से यह स्पष्ट नहीं होता कि इस महिला के साथ हुए यौन उत्पीड़न में कई लोग शामिल थे."
मामले में सबूतों से छेड़छाड़ का शक
जांच के दौरान यह बात सामने आई कि RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने 10 अगस्त को उस सेमिनार हॉल के पास स्थित एक शौचालय और विश्राम कक्ष को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. CBI को संदेह है कि इन क्षेत्रों का कुछ हिस्सा ढहाए जाने के कारण कुछ महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो गए, जिससे जांच में बाधा आ रही है. सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में यह भी दिख रहा है कि शव मिलने के तुरंत बाद सेमिनार हॉल में लोगों की भीड़ लग गई थी. हालांकि, पुलिस ने दावा किया है कि कमरे के अंदर की जगह को घेर लिया गया था.
पीड़िता की मां ने भी इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "जब हम वहाँ पहुंचे (उनकी मौत के बाद), तो हमने देखा कि सेमिनार हॉल में कई लोग मौजूद थे, और एक पुलिसकर्मी दरवाजे की रखवाली कर रहा था."
गैंग रेप के आरोप निराधार साबित
हालांकि, पीड़िता की माँ द्वारा लगाए गए गैंग रेप के आरोपों को फॉरेंसिक जांच के बाद खारिज कर दिया गया. केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) द्वारा किए गए परीक्षणों में यह पाया गया कि पीड़िता से लिए गए DNA नमूनों का मिलान आरोपी संजय रॉय के DNA से हुआ. CBI अधिकारी ने कहा, "पीड़िता और संजय रॉय से लिए गए DNA प्रोफाइल के नमूनों का मिलान अन्य अपराध स्थल से जुटाए गए साक्ष्यों से भी हुआ, जो CFSL रिपोर्ट की पुष्टि करता है."
इस मामले के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने RG कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं का भी खुलासा किया है. ED ने यह आरोप लगाया है कि संदीप घोष ने अपने कार्यकाल के दौरान 84 अवैध नियुक्तियां की थीं और फंड में हेरफेर किया था। ED की जांच में यह भी पाया गया कि संदीप घोष और उनकी पत्नी के पास दक्षिण 24 परगना जिले में एक आलीशान बंगला और अन्य कई बड़े संपत्ति थे.
कोलकाता में डॉक्टर के रेप और मर्डर का मामला अब भी कई सवालों से घिरा हुआ है. CBI की जांच अब भी जारी है, लेकिन सबूतों की कमी और घटना स्थल पर संभावित छेड़छाड़ के कारण केस को सुलझाने में मुश्किलें आ रही हैं. साथ ही, इस मामले से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की जांच ने भी नए पहलुओं को उजागर किया है.