कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि शहर के RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए अपराध स्थल से छेड़छाड़ की गई है. दरअसल CBI ने आरोप लगाया था कि सेमिनार हॉल, जहां यह अपराध हुआ था, वहां के दृश्य को बदल दिया गया था और पीड़िता के परिवार को उनकी बेटी की मौत को आत्महत्या बताकर गुमराह किया गया था. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, केंद्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि अपराध स्थल को बदल दिया गया और मामले में सही तरीके से कार्रवाई नहीं की गई.
Kolkata Doctor Rape Murder: डॉक्टर की डेड बॉडी से बदली गई थी चादर? कोलकाता पुलिस ने दी ये सफाई.
क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ की गई है: CBI
इस केस की जांच कर रही सीबीआई ने दावा किया है कि क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ की गई है. कोलकाता पुलिस ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि जिस फोटो में कई लोग सेमिनार हॉल के अंदर दिख रहे हैं, वे सभी पूरी तरह से अधिकृत व्यक्ति थे और वहां उनकी उपस्थिति वैध थी. पुलिस के अनुसार, यह तस्वीर 9 अगस्त को ली गई थी, जब अपराध स्थल का निरीक्षण और जांच पूरी हो चुकी थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस फोटो में दिखाया गया कि सेमिनार हॉल के अंदर कई लोग मौजूद थे, जिससे इस बात की अटकलें लगाई गईं कि अपराध स्थल से छेड़छाड़ की गई हो सकती है.
FIR में देरी क्यों?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो सुप्रीम कोर्ट में CBI की तरफ से पैरवी कर रहे थे. उन्होंने FIR दर्ज करने में हुई देरी की ओर भी इशारा किया. उन्होंने कहा, "सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पहली FIR रात 11:45 बजे दर्ज किया गया, जबकि मृतका का अंतिम संस्कार पहले ही कर दिया गया था. माता-पिता को बताया गया था कि यह आत्महत्या है, लेकिन मृतका के दोस्तों ने कुछ संदेह जताते हुए वीडियो बनाने पर जोर दिया."
CBI ने यह भी दावा किया कि RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों द्वारा इस मामले को संवेदनशीलता के साथ नहीं संभाला गया, जिससे कई खामियां सामने आई हैं. कोलकाता पुलिस और CBI के बीच इस मामले में तकरार बढ़ती जा रही है.