पटना: बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गुरुवार को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने मंजू को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद अब कयास लगाए जा रहे है कि जल्द ही मंजू वर्मा सरेंडर कर सकती है. बताया जा रहा है जेडीयू ने यह कदम मंजू की गिरफ्तारी के बाद होने वाली फजीहत से बचने के लिए उठाया है.
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को निलंबित कर दिया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को तय की है और डीजीपी को कोर्ट में पेश होने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में मंजू वर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने पर बिहार पुलिस को सोमवार को फिर फटकार लगाई. आर्म्स एक्ट मामले में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद से मंजू वर्मा फरार हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह ‘इस बात से काफी हतप्रभ है’’ कि बिहार पुलिस राज्य की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा का पता लगाकर उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. मंजू वर्मा ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उनके यहां से कथित रूप से गैरकानूनी हथियार बरामद होने से संबंधित मामले में उनकी तलाश है.
शेल्टर होम में लड़कियों के यौन शोषण और बलात्कार के मामले में गिरफ्तार मुख्य बृजेश ठाकुर की उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के साथ जनवरी से जून के दौरान कई बार बातचीत होने का खुलासा होने के बाद मंजू वर्मा पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था.
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका आवासगृह यौनाचार मामले की जांच के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति के गांव श्रीपुर में 17 अगस्त को छापेमारी की थी. इस दौरान चंद्रशेखर वर्मा के आवास से 50 अवैध गोली बरामद की गई थी. इसके बाद सीबीआई ने चेरियाबरियापुर थाने में पूर्व मंत्री और उनके पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.