Bharat Bandh on 8th Dec: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही लाये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन को लेकर सरकार और किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की वार्ता हुई. लेकिन कोई हल नहीं निकलने पर किसान नेताओं ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. किसानों के इस आंदोलन में एक के बाद एक जहां लोग शामिल होते जा रहे हैं. वहीं उनके भारत बंद में भी लोगों का समर्थन मिल रहा है. किसानों के भारत बंद में भारतीय पर्यटक ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन (ITTA) और गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का समर्थन मिला है. किसानों के आंदोलन को 51 यूनियन का समर्थन मिला है.
इसके पहले कांग्रेस, लेफ्ट और ट्रेड यूनियनों के अलावा विपक्षी पार्टियों ने किसानों के आंदोलन को समर्थन करते हुए भारत बंद का समर्थन किया है. विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस की तरफ से रविवार को कहा कि पार्टी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी बंद का समर्थन करेगी. कांग्रेस ने यह भी कहा कि उसके नेता राहुल गांधी पिछले दिनों पंजाब और हरियाणा में हस्ताक्षर अभियान और ट्रैक्टर रैलियों में भाग लेकर इन विवादास्पद कानूनों का विरोध करने में सबसे आगे रहे हैं. यह भी पढ़े: Bharat Bandh: किसानों के भारत बंद का कांग्रेस, लेफ्ट और ट्रेड यूनियनों के अलावा इन विपक्षी पार्टियों ने किया समर्थन
Indian Tourist Transporters Assn (ITTA) & Delhi Goods Transport Assn call for strike on December 8 in solidarity with farmers’ protest in Delhi.
“51 unions decided to support farmers. Farming & transporting are like 2 sons of a father,” says Satish Sherawat, president of ITTA. pic.twitter.com/baBhxx3M5p
— ANI (@ANI) December 6, 2020
वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान संगठनों की तरफ से 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन किया है. तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इसमें सक्रियता से शामिल होकर बंद को सफल कराएंगे.
बात दें कि किसान नेताओं और केंद्र के बीच शनिवार को हल नहीं निकलने पर अब छठे दौर की अगली बैठक 9 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली है. जबकि किसान सितंबर में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि सरकार कानून में संशोधन करने को लेकर सहमत हो गई है. चूंकि सरकार अब तक किसानों की मांगों के संतोषजनक समाधान नहीं कर पाई है, इसलिए किसानों ने तीनों कानूनों को रद्द करने के लिए आंदोलन तेज करने की चेतावनी देते ही 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया है