Ladakh Standoff: भारत और चीन के बीच मंगलवार को फिर हुई कमांडर लेवल की बातचीत, एलएसी पर तनाव कम करने के लिए किया मंथन
भारतीय और चीनी जवान (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच भारत और चीन ने मंगलवार को कॉर्प्स कमांडर-स्तर की तीसरे दौर की बातचीत की. बताया जा रहा है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई यह बैठक 12 घंटे तक चली और रात 11 बजे खत्म हुई. यह बैठक 14 कॉर्प्स कमांडर लेफिटनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के चीफ मेजर जनरल लियु लिन के बीच हुई. हालांकि बैठक में हुई बातचीत को लेकर अब तक कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर कमांडर स्तर की बातचीत में भारतीय पक्ष ने सीमा से जुड़े मुद्दों के समाधान के दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया. जबकि केंद्र में पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया गया. हालांकि इस दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीन के नये दावे पर चिंता जताते हुए पुरानी स्थिति बहाल करने और तत्काल चीनी सैनिकों को गलवान घाटी, पेंगोंग सो और अन्य इलाकों से वापस बुलाने की मांग की. खुफिया जानकारियों के आधार पर चीन से आने वाले सामानों की हो रही जांच

इससे पहले 22 जून को भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर की 11 घंटे लंबी बैठक के दौरान यह कहा गया था कि एलएसी से दूर हटने पर आपसी सहमति बन गई है. यह भी कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख में सभी टकराव वाले इलाकों से हटने की मोडलटीज पर चर्चा हुई थी. दोनों देशों की सेनाओं के कॉर्प्स कमांडर सीमा मुद्दे को सुलझाने और पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए मोलदो में मिले थे.

उल्लेखनीय है कि पिछले एक महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब पैंगोंग सो, गलवान घाटी, गोगरा हॉट स्प्रिंग और कई अन्य स्थानों पर चीन और भारत के बीच गतिरोध बना हुआ है. लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहली वार्ता छह जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्ष गलवान घाटी में टकराव वाले सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर सहमत हुए थे. लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया और चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक टकराव की स्थिति से दूर हटने को लेकर बनी आपसी सहमति का उल्लंघन करते हुए पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में स्थित पेट्रोलिंग पोस्ट 14 पर वापस लौट आए हैं. 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले के बाद हुए झड़प से स्थिति और अधिक बिगड़ गई. जिसके बाद दोनों देश 3,500 किलोमीटर की लंबी सीमा के अधिकतर क्षेत्रों में अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने लगे.