नई दिल्ली: जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक गुरुवार को दिल्ली में बैठक हुई. बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) की अगुवाई में इस बैठक में कई फैसले लिए गए हैं. इस बैठक में राज्यों को जीएसटी (GST) के मुआवजे पर मंथन हुई है. बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा वस्तु एवं सेवा कर परिषद की बैठक में राज्यों को 2 विकल्प दिए गए हैं. केंद्र खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजा दे या फिर आरबीआई (RBI) से उधार लिया जाए. राज्य 7 दिनों के भीतर अपनी राय देंगे. यानी सात दिन के बाद एक फिर संक्षिप्त बैठक होगी. यह विकल्प सिर्फ इस साल के लिए है.
मीडिया को जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी से प्रभावित हुई है, जो कि एक दैवीय घटना है और इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें संकुचन आयोगा. चालू चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व प्राप्ति में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान लगाया गया है. यह भी पढ़े: GST New Provisions: जीएसटी में नए प्रावधान का कितना होगा फायदा
वहीं उन्होंने कहा कि केंद्र के आकलन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी. इसमें से 65,000 करोड़ रुपये की भरपाई जीएसटी के अंतर्गत लगाये गये उपकर से प्राप्त राशि से होगी. इसीलिए कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है. केंद्र के अनुसार 2.35 लाख करोड़ रुपये में से 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से है जबकि शेष का कारण कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव है.
41st meeting of @GST_Council to be held from 11 AM today, via video conferencing
Finance Minister @nsitharaman will hold a virtual media briefing on the outcome of the meeting, later in the day
Stay tuned to @PIBMumbai for updates in English and Marathi
(📷: file pic) pic.twitter.com/aoOyPns651
— PIB in Maharashtra 🇮🇳 (@PIBMumbai) August 27, 2020
बता दें कि कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन और उससे देशभर में आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के चलते जीएसटी संग्रह में भारी कमी आई है. इसलिए केंद्र सरकार के पास एक विकल्प यह है कि वह अपनी उधारी का एक हिस्से का उपयोग राज्यों को जीएसटी मुआवजे के भुगतान के रूप में करे. दरअसल मार्च के बाद राज्यों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है. यहां तक कि मार्च के मुआवजे के भुगतान में भी विलंब हुआ और जुलाई के आखिर में ही भुगतान हो पाया. (इनपुट भाषा)