नई दिल्ली: मोदी सरकार के लिए शुक्रवार को राहतभरी खबर आई. देश की आर्थिक विकास दर में थोडा सुधार हुआ है. ताजा आंकड़ों के अनुसार देश की समग्र विकास दर (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बढ़कर 4.7 फीसदी हो गई है. इससे पहले दूसरी तिमाही में जीडीपी 4.5 फीसदी दर्ज की गई थी. जिस वजह से केंद्र सरकार को खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि दर पिछली तिमाही की तुलना में बढ़कर 4.7 फीसदी हो गई. 2019-20 की तीसरी तिमाही में जीडीपी (2011-12) की कीमतें 36.65 लाख करोड़ रुपये आंकी गई हैं, जबकि 2018-19 की तीसरी तिमाही में 35.00 लाख करोड़ रुपये थी. जीडीपी में इस मामूली बढ़ोतरी से निवेशकों में खुशी है. दरअसल 'मंदी' का सामना कर रहे उद्योग जगत को मार्केट में सकारात्मकता दिखी है. अर्थव्यवस्था को लेकर मनमोहन सिंह का केंद्र पर बड़ा हमला, कहा- मोदी सरकार मंदी शब्द को स्वीकार नहीं करती है
Govt of India: GDP at Constant (2011-12) Prices in Q3 of 2019-20 is estimated at Rs 36.65 lakh crore, as against Rs 35.00 lakh crore in Q3 of 2018-19, showing a growth of 4.7%. pic.twitter.com/kB5dvdmcPQ
— ANI (@ANI) February 28, 2020
हालांकि भारत की आर्थिक विकास दर वित्तवर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में 4.6 फीसदी से 4.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान पहले ही जताया गया था. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का अनुमान था कि तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 4.7 फीसदी रह सकती है.
बताया जा रहा है कि तीसरी तिमाही में जीडीपी में बढ़त हवाई यात्रा, रेलभाड़ा, और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में थोडा इजाफे की वजह से हुई है. हालांकि वर्तमान में आर्थिक विकास दर में किसी बड़े सुधार की उम्मीद ना के बराबर ही है. अक्सर वित्तवर्ष की तीसरी तिमाही पहले और दूसरी की तुलना में मजबूत ही रहती है.
उल्लेखनीय है कि वस्तु उत्पादन, कृषि व खनन गतिविधियों में भारी कमी आने से जीडीपी सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही (क्यू2) में घटकर 4.5 फीसदी हो गई थी. यह लगातार पांचवीं तिमाही में गिरावट थी. जबकि छह सालों में सबसे कम जीडीपी वृद्धि दर थी. इससे पहले 2018-19 की दूसरी तिमाही में वृद्धि 7 फीसदी पर रही. वहीं, वृद्धि दर क्रमिक आधार पर 2019-20 के पहली तिमाही के 5 फीसदी से कम हो गई, 2018-19 के चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी ही और 2018-19 की तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी रही. (एजेंसी इनपुट के साथ)