Ganesh Chaturthi 2020 Celebrations: श्री सिद्धिविनायक मंदिर की आरती से लेकर ड्राई फ्रूट से बने गणपति बप्पा तक, देखें देश में कैसे मनाया जा रहा है गणेशोत्सव (Watch Pics & Videos)
श्री सिद्धिविनायक मंदिर द्वारका/ड्राई फ्रूट्स से बनी गणेश प्रतिमा (Photo Credits: ANI/ Twitter)

Ganesh Chaturthi 2020 Celebrations: गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं! (Happy Ganesh Chaturthi) जी हां, आज से दस दिवसीय गणेशोत्सव (Ganeshotsav) पर्व की शुरुआत हो गई है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भक्त धूमधाम से गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) का स्वागत करते हैं, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण लोग कोविड-19 (COVID-19) को लेकर जारी गाइडलाइन्स और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सादगी से इस उत्सव को मना रहे हैं. गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया के जयकारे के साथ गणपति बप्पा का आगमन भक्तों के बीच हो चुका है. इसके साथ ही गणेश चतुर्थी की मनमोहक तस्वीरें और वीडियो की सोशल मीडिया पर भरमार लगने लगी है. द्वारका स्थित श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर, मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple)  में भक्तों के लिए ऑनलाइन आरती का आयोजन किया गया. सिद्धिविनायक मंदिर से लेकर ड्राई फ्रूट के गणपति की उपासना तक, चलिए देखते हैं देश में कैसे मनाया जा रहा है गणेशोत्सव का पर्व...

गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा कैलाश पर्वत से अपनी माता पार्वती के साथ धरती पर अपने भक्तों के बीच उनकी मुरादें पूरी करने के लिए आते हैं. दस दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान विभिन्न परंपराओं और समारोहों का संगम देखने को मिलता है. हालांक इस कोरोना वायरस महामारी के कारण गणेश चतुर्थी समारोह को सीमित कर दिया गया है और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इस पर्व को मना रहे हैं. यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2020: देश में मची गणेशोत्सव की धूम, पीएम नरेंद्र मोदी-राहुल गांधी, अमित शाह समेत इन दिग्गज नेताओं ने देशवासियों को दी गणेश चतुर्थी की बधाई

श्रीगणेश मंदिर टेकड़ी, नागपुर

गणेश मंदिर, कनॉट प्लेस, दिल्ली

श्री सिद्धिविनायक मंदिर, द्वारका

श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

ड्राई फ्रूट्स से बने गणपति बप्पा

गणेश चतुर्थी की पावन तिथि से गणेशोत्सव का पर्व शुरू हो गया है, जिसका समापन 2 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद होगा. इस साल कोरोना के प्रसार से बचने के लिए सार्वजनिक तौर पर इस उत्सव का आयोजन नहीं किया गया है. ऐसे में लोग कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन करते हुए इस उत्सव को मना रहे हैं.