Assam Flood: बारपेटा जिले में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर, 43 हजार से अधिक लोग प्रभावित (Watch Video)
Barpeta Flood | Photo: ANI

गुवाहाटी: असम के बारपेटा जिले में बाढ़ से अभी भी स्थित्ति गंभीर बनी हुई है. बुलेटिन में कहा गया है कि सबसे अधिक बारपेटा बाढ़ की चपेट में है जहां करीब 43,000 से अधिक लोग प्रभावित हैं जबकि लखीमपुर में 9,000 और सोनितपुर में 400 लोग प्रभावित हैं. हालांकि राज्य में समग्र बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. लोग सड़कों और राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं क्योंकि उनके घर जलमग्न हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, तीन राजस्व मंडलों - चेंगा, सारथेबारी और बारपेटा के तहत 37 गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं. Assam Floods: कई इलाकों में जलस्तर कम हुआ, बारपेटा जिला सबसे अधिक प्रभावित. 

असम में बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, हालांकि बाढ़ के कारण चार और लोगों की मौत हो गई. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी गुवाहाटी में बाढ़ से चार लोगों की जान गई, जिसके बाद राज्य भर में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है. चार जिलों में करीब 38 हजार लोग अभी भी आपदा से प्रभावित हैं.

बारपेटा में स्थिति गंभीर

किसानों की फसल बर्बाद

बारपेटा जिले में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर है और लगभग 43000 लोग प्रभावित हुए हैं. किसानों को उनकी फसल और मछली पालन की भूमि के जलमग्न होने के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना करना पड़ा है.

बारपेटा जिले के एक शख्स रतन दास ने कहा, 'मैं एक किसान हूं और इस बाढ़ ने मेरी जूट की फसल बर्बाद कर दी है. मैंने खेती पर 15000 रुपये खर्च किये. मैंने सब कुछ खो दिया है, अब मैं क्या करूंगा? मेरे घर में पानी भर गया है. अगर सरकार मदद कर सके तो यह अच्छी बात होगी.

एएसडीएमए ने कहा कि मौजूदा समय में राज्य के 253 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं और राज्य भर में 1,526.08 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. बुलेटिन में कहा गया है कि नलबाड़ी, सोनितपुर और तिनसुकिया से बड़े पैमाने पर मिट्टी के कटाव की सूचना मिली है. कामरूप जिले में कई जगहों पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं.

जोरहाट, बारपेटा, कामरूप, गोलपारा, कोकराझार और उदलगुरी में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कोई भी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है.