नई दिल्ली: मोदी सरकार (Modi Govt) के खिलाफ कृषि बिल को लेकर किसानों (Farmers) का आंदोलन पिछले 26 नवंबर से लगातार जारी हैं. उनके आंदोलन का आज छठवां दिन है. इस बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह उन्हें मनाने की कोशिश किया कि वे अपना आंदोलन बीच सड़क से बुराड़ी लेकर जाएं. जहां पर जाने के बाद सरकार उनसे बात करेगी. लेकिन किसान नेताओं ने उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उनकी तरफ से साफ कहा गया कि उनका आंदोलन बिना किसी शर्त आगे बढेगा तो दिल्ली की तरफ बढेगा. सरकार को बात करना है तो वे उनके पास आए. सरकार बात करना चाहती है तो ठीक हैं, नहीं तो उनका उनका आंदोलन इसी तरह से चलता रहेगा. किसानों के उग्र आंदोलन को देखते हुए मोदी सरकार उनके सामने नरम पड़ी हैं. किसान नेताओं से बातचीत के लिए आज दोपहर बाद उन्हें बुलाया है.
मीडिया के बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि किसानों से बातचीत के लिए इसके पहले तीन दिसंबर को वार्ता रखी गई थी, लेकिन किसानों के विरोध, सर्दी और कोरोना के देखते हुए बैठक पहले करने का फैसला लिया गया है. पहले दौर की बातचीत में मौजूद किसान नेताओं को विज्ञान भवन (Vigyan Bhavan) में एक दिसंबर को दोपहर तीन बजे आमंत्रित किया गया है. यह भी पढ़े: armers Protest: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा हमला, कहा- जिस वाड्रा-कांग्रेस ने किसानों की जमीनें हड़पीं, वो आज किसान हितैषी बने बैठे हैं
It was decided that next round of talks will be held on Dec 3 but farmers are agitating, it's winter & there's COVID. So meeting should be held earlier. So farmer leaders - present in 1st round of talks - have been invited at Vigyan Bhavan on Dec 1 at 3 pm: Agriculture Minister https://t.co/1y5DNCT0U0
— ANI (@ANI) November 30, 2020
इससे पहले 13 नवंबर को भी केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में ही वार्ता हुई थी. हालांकि वह बैठक बेनतीजा रही, लेकिन दोनों पक्षों ने किसानों की समस्याओं पर आगे भी चर्चा जारी रखने पर सहमति जताई थी. एक दिसंबर को होने वाली बैठक में उन सभी संगठनों को निमंत्रण दिया गया है, जिन्हें पिछली बैठक में बुलाया गया था. बताया गया कि ठंड व कोरोना को देखते हुए यह वार्ता जल्दी रखी गई है. ताकि बातचीत के बाद उनका आंदोलन खत्म हो सके.