CBSE 10th, 12th Revaluation 2019: इतंजार खत्म, अपने मार्क्स से नाखुश छात्र ऐसे करें री-वैल्यूएशन के लिए अप्लाई
सीबीएसई रिजल्ट (File Photo)

CBSE Class 10th, 12th Revaluation 2019: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं में अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होने वाले छात्रों के लिए पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) प्रकिया की तारीखों का ऐलान कर दिया है. सीबीएसई (CBSE) ने 10वीं बोर्ड का परिणाम पिछले हफ्ते अपने अधिकारिक वेबसाइट cbse.nic.in पर जारी किया था. बोर्ड के मुताबिक 18 लाख से अधिक छात्र दसवीं की परीक्षा में शामिल हुए थे. जिनमे से 91.1 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए.

सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में सफल नहीं होने वाले छात्रों और अपने प्राप्त अंकों से संतुष्ट नहीं होने वाले छात्रों के लिए री-वेरिफिकेशन (Re-verification) प्रक्रिया पहले ही शुरू की थी. री-वेरिफिकेशन यानि अंक सत्यापन कि प्रक्रिया 10 मई को शुरू हुई और 14 मई को शाम 5 बजे बंद हुई. प्रत्येक विषय के लिए हर छात्र को 500 रुपये बतौर शुल्क चुकाने पड़े.

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बोर्ड के मुताबिक अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होने वाले छात्र रीवैल्यूएशन (Re-evaluation) के लिए आवेदन कर सकते हैं. छात्रों के लिए रीवैल्यूएशन प्रक्रिया 31 मई से शुरू होगी और 1 जून को शाम 5 बजे बंद होगी. छात्रों को पुनर्मूल्यांकन करने के लिए प्रति प्रश्न 100 रुपये का भुगतान करना होगा.

ऐसे करें आवेदन-

आपको बता दें कि रीवैरिफिकेशन कराने वाले छात्र ही री-वैल्यूएशन के लिए आवेदन कर सकते है. इसके लिए छात्रों / अभिभावकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. यह प्रक्रिया काफी सरल है, सबसे पहले इस लिंक पर क्लिक करें. फिर यहां अपना रोल नंबर आदि मांगी गई जानकारियों को एंटर करें और सबमिट कर दें. फिर उन विषयों का चयन करें जिनका आप री-वैल्यूएशन करवाना चाहते है. याद रखें कि पुनर्मूल्यांकन के लिए आपके पास उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी होनी आवश्यक है.

गौरतलब हो कि सीबीएसई दसवीं की परीक्षा में लड़कियों ने लड़कों से बाजी मारी है. 500 में से 499 अंक हासिल कर 13 छात्र पहले स्थान पर रहे. पिछले साल की तुलना में इस साल 4.40 प्रतिशत अधिक छात्र परीक्षा में सफल हुए है. बोर्ड के मुताबिक 92.45 प्रतिशत लड़कियां उत्तीर्ण हुई हैं जबकि पिछले साल यह 88.67 प्रतिशत था. वहीं 90.14 प्रतिशत लड़के उत्तीर्ण हुए हैं जबकि पिछले साल यह 85.32 प्रतिशत था. वहीं, 94.74 प्रतिशत ट्रांसजेंडर छात्र भी परीक्षा उत्तीर्ण हुए.