नई दिल्ली: विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन (Siachen) में सक्रिय रूप से तैनाती से लेकर युद्धपोतों पर नियुक्त होने तक भारतीय महिलाएं सशस्त्र बलों (Indian Women Armed Forces) में शामिल होकर लगभग हर क्षेत्र की बेड़ियों को तोड़ रही हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 13 जनवरी को लखनऊ (Lucknow) में इंटीग्रल विश्वविद्यालय (Integral University) के दीक्षांत समारोह के दौरान यह बात कही. राजनाथ सिंह ने रक्षा सहित हर क्षेत्र में महिलाओं की सफलता की सराहना की और कहा कि सरकार महिलाओं को पुरुष समकक्षों के समान अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने में विश्वास करती है.
रक्षा मंत्री ने दुनिया भर में भारत के बढ़ते कद का भी उल्लेख किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूटनीति और वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव का विशेष तौर पर जिक्र किया, जिसकी वजह यूक्रेन के संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित हुई. राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की, जिसने विश्व मंच पर भारत की छवि को पूरी तरह से एक मजबूत राष्ट्र के रूप में परिवर्तित कर दिया है. भारत के विचारों को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ध्यानपूर्वक सुना जाता है. Kanjhawala Death Case: FSL ने आरोपियों की रिपोर्ट पुलिस को सौंपी, लापरवाही बरतने वाले 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड
रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिनके परिणामस्वरूप भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. सिंह ने दुनिया के देशों के बीच भारत को और भी सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया.
राजनाथ सिंह ने देश में सृजित मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे पर भी अपने विचारों को रखा, जिसने देशवासियों के जीवन को आसान बनाना सुनिश्चित किया है. भारत में हर पहलू पर डिजिटल क्रांति के परिवर्तनकारी प्रभाव को स्वीकार करते हुए, उन्होंने यूनिक पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि दिसंबर 2022 में, यूपीआई के माध्यम से 12.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक के लगभग 7.82 अरब लेनदेन किये गए थे. उन्होंने चिकित्सा, फिनटेक, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में डिजिटल तथा सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के बारे में भी चर्चा की. रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इन उपायों और पहल से देश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों का जीवन सुगम होगा.
बड़ी संख्या में उपस्थित छात्रों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुधैव कुटुम्बकम (पूरा विश्व एक परिवार है) के मंत्र पर बल दिया. उन्होंने कहा कि यह वाक्य हमेशा से भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है और भारत ने कभी भी किसी भी तरह के पूर्वाग्रह का सहारा नहीं लिया. रक्षा मंत्री ने युवाओं को देश का भविष्य करार दिया. उन्होंने छात्रों से बिना किसी पक्षपात के लोगों की सेवा करने का आग्रह किया.
राजनाथ सिंह ने छात्रों से जीवन भर सीखने के पथ पर चलते रहने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सीखना हमेशा सफलता की ओर ले जाता है. सिंह ने कहा कि जीवन में सफलता एवं असफलता साथ-साथ चलती रहती है, लेकिन इन सब के बीच जो सबसे महत्वपूर्ण है वह है कि असफलताओं से सीख लेना और उनसे निपटने के लिए एक रोडमैप तैयार करना. रक्षा मंत्री ने कहा कि चुनौतियों का सामना करने के लिए एक सकारात्मक ²ष्टिकोण तथा आगे बढ़ने का ²ढ़ संकल्प ही होता है जो किसी-किसी को विशेष बनाता है. उन्होंने कहा कि ज्ञान उस समय अमूल्य हो जाता है, जब इसका उपयोग सभी की भलाई के लिए किया जाता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने छात्रों से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने और दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर स्थान बनाने के नए तरीकों का पता लगाने का आह्वान किया.