चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में लंबी चंद्र रात अब खत्म होने वाली है. चंद्रमा के इसी स्थान पर पिछले महीने भारत के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर उतरे थे. चांद पर इस लंबी रात के दौरान विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर स्लीप मोड में हैं. अब 22 सितंबर को, जब चंद्रमा के इस क्षेत्र में फिर सुबह होगी. सूरज की रोशनी चांद के इस हिस्से में पड़ेगी. इसी के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और तमाम देशवासियों का चंद्रयान -3 मिशन के विक्रम और प्रज्ञान के जगाने का इंतजार खत्म हो जाएगा. स्पेस एजेंसी ने बताया कि 22 सितंबर के आसपास विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के एक्टिव होने की उम्मीद है. Aditya-L1 ने खींची पृथ्वी और चंद्रमा की शानदार तस्वीरें, अंतरिक्ष से देखें धरती का अद्भुत नजारा.
लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को इस महीने की शुरुआत में 12 पृथ्वी दिनों तक चलने वाले एक प्रभावशाली मिशन के बाद रणनीतिक रूप से स्लीप मोड में डाल दिया गया था. अगर ISRO विक्रम और प्रज्ञान को फिर से एक्टिव करने में कामयाब हो जाता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी और वैज्ञानिक चांद के दक्षिणी ध्रुव से जुड़ी और जानकारियां जुटा पाएंगे.
विक्रम और प्रज्ञान से उम्मीदें
Sunrise is expected to have occurred at the Shiv Shakti point today and soon Vikram and Pragyan will be receiving usable amounts of sunlight!☀️⚡️#ISRO will now wait for them to heat up above a certain temperature before beginning attempts to re-establish communications with… pic.twitter.com/FSwGL8PK8M
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) September 20, 2023
लैंडर ने दोबारा की थी सॉफ्ट लैंडिंग
स्लीप मोड में जाने से पहले विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर एक बार फिर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की थी. अपनी पोस्ट में ISRO ने बताया था,' फिलहाल, बैटरी पूरी तरह चार्ज है. रिसीवर को चालू रखा गया है. उम्मीद है कि रोवर अपने असाइनमेंट के दूसरे सेट को पूरा करने के लिए एक बार फिर नींद से जागेगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो वह चांद पर भारत के चंद्र राजदूत (Lunar Ambassador) के तौर पर मौजूद रहेगा.