श्रीनगर: मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए सुरक्षाबलों की 280 से अधिक कंपनियां भेजी है. केंद्र सरकार का यह कदम घाटी से दहशतगर्दों का सफाया करने में बहुत कारगर साबित होगा. इससे पहले कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का फैसला लिया गया था. वहीं सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक महज हफ्ते भर के अंदर ही केंद्र सरकार ने घाटी में 28,000 और जवानों को भेजने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि इन जवानों को शहर के अतिसंवेदनशील इलाकों के अलावा अन्य जगहों पर तैनात किया जाएगा. इनमें अधिकतर केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शामिल है.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सरकार ने शहर में प्रवेश और बाहर निकलने के सभी रास्तों को केन्द्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया है. हालांकि स्थानीय पुलिस भी तैनात रहेगी लेकिन केवल प्रतीकात्मक उपस्थिति के तौर पर.
केंद्र ने सेना और वायुसेना को किया हाई अलर्ट-
Srinagar: In view of the ongoing situation in Kashmir valley, Government has put the Air Force and the Army on high operational alert. https://t.co/pt36FNkC3g
— ANI (@ANI) August 2, 2019
किसी भी अधिकारी ने इसके पीछे का कारण नहीं बताया है. उधर, केंद्र सरकार के अचानक इस तरह से सुरक्षाकर्मियों की तैनाती को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान वापस लेने की प्रक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि संविधान का अनुच्छेद 35 ए राज्य को प्रदेश के स्थायी निवासियों को परिभाषित करने की शक्ति प्रदान करता है.
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संविधान के अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली छह अलग-अलग याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. जबकि केंद्र सरकार भी इस अनुच्छेद को निष्प्रभावी बनाने के पक्ष में है. वहीं घाटी में सभी शिक्षण संस्थानों में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की गई है और साथ ही अमरनाथ यात्रा के लिये कुछ लंगरों को भी बंद कर दिया गया है.