कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत ने कहा है कि कनाडा ने अभी तक कोई ठोस या प्रासंगिक सबूत साझा नहीं किया है. भारत ने कनाडा पर आरोप लगाया है कि वह राजनीतिक हितों के लिए अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा का समर्थन करने वालों को राजनीतिक जगह दे रहा है.
भारत ने जताई चिंता
भारत ने कनाडा के रवैये पर गहरी चिंता व्यक्त की है. भारत का कहना है कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों और अलगाववादियों को खुली छूट मिली हुई है, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा है. भारत ने कनाडा से इस मामले में सहयोग करने और आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
कनाडा का रवैया
कनाडा ने अभी तक निज्जर की हत्या के मामले में भारत के साथ कोई ठोस जानकारी साझा नहीं की है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया था कि भारत सरकार के एजेंट निज्जर की हत्या में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, उन्होंने अपने इस दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया.
#BREAKING: India says Canada has shared no specific or relevant evidence on the killing of Canadian Khalistani terrorists Hardeep Singh Nijjar. Political interests at play in Canada. Separatists, extremists and those advocating violence have been given political space by Canada. pic.twitter.com/AnohJvmcww
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) May 9, 2024
राजनीतिक हितों का खेल
विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा में सिख समुदाय के एक बड़े वर्ग का वोट बैंक है, जिसके कारण कनाडा सरकार खालिस्तानी आतंकवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है. कनाडा की इस नीति से भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव आ गया है.
आतंकवाद पर भारत का रुख
भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. भारत का कहना है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और आतंकवादियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. भारत ने दुनिया के सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया है.
आगे क्या?
अब देखना यह है कि निज्जर की हत्या का मामला किस मोड़ पर जाता है. कनाडा अगर सबूत साझा नहीं करता है तो भारत और कनाडा के संबंधों में और तनाव आ सकता है. वहीं, अगर कनाडा आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है तो दोनों देशों के संबंध सुधर सकते हैं.