Sawan Third Somwar 2025: सावन मास का आज तीसरा और अंतिम सोमवार है. इस पावन अवसर पर देशभर के प्रमुख शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. सुबह से ही मंदिरों में भक्ति और आस्था का अद्भुत वातावरण देखने को मिला. चाहे युवा हों, महिलाएं हों या बुजुर्ग, हर कोई भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिरों में पहुंचा.
अयोध्या
उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित नागेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने सुबह-सुबह भगवान शिव का जलाभिषेक कर विशेष पूजन किया. मंदिर परिसर 'बम-बम भोले' और 'हर-हर महादेव' के जयकारों से गूंज उठा. Sawan Shivratri 2025: सावन शिवरात्रि पर शिवालयों में भक्तों का समागम, ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंजे मंदिर
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh| Devotees offer prayers at Nageshwar Nath Temple on the third Monday of the 'saavan' month. pic.twitter.com/BEE9TecbHt
— ANI (@ANI) July 28, 2025
हरिद्वार
हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भी भोर से ही भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं. श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव का अभिषेक किया और रुद्राभिषेक के आयोजन में भाग लिया.
#WATCH | Haridwar, Uttarakhand | Devotees offer prayers at Daksheshwar Mahadev Temple on the third Monday of the 'saavan' month. pic.twitter.com/EvV0dbgByL
— ANI (@ANI) July 28, 2025
जयपुर
जयपुर के प्रसिद्ध ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भी भारी संख्या में शिवभक्त पहुंचे. पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय भक्तों के साथ दूर-दराज से आए श्रद्धालु भी शामिल हुए.
#WATCH | Jaipur, Rajasthan | Devotees offer prayers at Tadkeshwar Mahadev Temple on the third Monday of the 'saavan' month. pic.twitter.com/rieGCPZZ1Q
— ANI (@ANI) July 28, 2025
देवघर
झारखंड के बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, में आज विशेष श्रद्धा देखने को मिली. देशभर से आए भक्तों ने लंबी कतारों में लगकर बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक किया और विशेष पूजन किया.
सावन मास का महत्व
सावन मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित होता है.यह महीना श्रद्धा, तप और भक्ति का प्रतीक है. सावन में प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने की परंपरा है, जिसे सावन सोमवार कहा जाता है.
भक्त इस दिन उपवास रखते हैं
भक्त इस दिन उपवास रखते हैं, शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करते हैं, और "ॐ नमः शिवाय" तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं.
कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना से व्रत करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-शांति के लिए पूजा करती हैं। सावन माह में निकलने वाली कांवड़ यात्रा भी विशेष धार्मिक महत्व रखती है.












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