CAA Protest: यूपी में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन की आशंका, सुरक्षाबलों ने किया फ्लैग मार्च- 8 जिलों में इंटरनेट बंद
प्रतीकात्मक फोटो (Photo Credits: PTI)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजामात किए है. सभी संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी. साथ ही सूबे के आठ जिलों में शुक्रवार को इंटरनेट सेवाएं भी बंद रखी गई है. वहीं सोशल मीडिया पर खास नजर रखी जा रही है.

उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया कि हमने राज्य के अलग-अलग जिलों में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है और लोगों के साथ बातचीत की है. इंटरनेट सेवाओं को एक दिन के लिए 8 जिलों में निलंबित कर दिया गया है. हम सोशल मीडिया की भी निगरानी कर रहे हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक गोरखपुर पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए जबरदस्त सुरक्षा बंदोबस्त किया हुआ है. गोरखपुर के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अन्य अधिकारियों एवं पुलिस बल के साथ जिले के संवेदनशील इलाकों में गुरुवार को फ्लैग मार्च किया और सभी थाना क्षेत्रों में पीस कमेटी के साथ बैठकें भी की.

गोरखपुर में सुरक्षाबलों ने किया फ्लैग मार्च-

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि पुलिस कोतवाली क्षेत्र में कड़ी चौकसी बरत रही है और जुमे की नमाज से पहले संवेदनशील इलाकों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी. साथ ही ड्रोन कैमरे भी लगाए जाएंगे.

मुजफ्फरनगर में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया-

उल्लेखनीय है कि पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान शहर में हिंसा हुई थी. उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से गुरुवार को बयान जारी कर बताया गया कि नागरिकता कानून के विरोध के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में राज्यभर में 327 प्राथमिकी दर्ज की गईं है. जबकि 1113 गिरफ्तारी हुई है. इसके साथ ही 5558 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है. हिंसा में कुल 19 लोग मारे गए है. इसके अलावा 288 पुलिस कर्मी घायल हुए जिनमें से 61 को गोली लगी थी.

वहीं सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में 124 लोग गिरफ्तार किए गए. जबकि कुल 93 एफआईआर दर्ज हुए. पुलिस ने हिंसा को बढ़ावा देने वाले 19409 सोशल मीडिया पोस्ट पर भी कार्रवाई करते हुए 9372 ट्विटर, 9856 फेसबुक और 181 यूट्यूब प्रोफाइल ब्लॉक किए.