भारत G-20 की मेजबानी कर रहा है. दिल्ली में 9 सितंबर से G-20 का कार्यक्रम होना है. इस समिट से पहले खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू कश्मीरी मुस्लिमों को भड़काने का काम कर रहा है. पन्नू को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का गुर्गा बताया जाता है.
खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के चीफ आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने G-20 को लेकर एक ऑडियो मेसेज जारी किया है. जिसमें वह कश्मीरी मुसलमानों को भड़काते हुए कश्मीर घाटी छोड़कर दिल्ली आने और G-20 समिट के दौरान दिल्ली को ब्लॉक करने के लिए उकसा रहा है.
पन्नू जुम्मे की नमाज के बाद प्रगति मैदान मार्च करने के लिए लोगों को भड़का रहा है. पन्नू ने IGI एयरपोर्ट पर खालिस्तान का झंडा लहराने की भी धमकी दी है. इससे पहले 26 अगस्त को पन्नू के इशारे पर दिल्ली के 5 मेट्रो स्टेशन पर खालिस्तान के समर्थन में और एंटी इंडिया स्लोगन भी लिखे गए थे.
गुरपतवंत सिंह पन्नून खालिस्तान के रूप में पंजाब को भारत से अलग करने का समर्थन करता हैं. पन्नून का जन्म अमृतसर के खानकोट गांव में हुआ था. उसने अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय और कनाडा में विंडसर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. लॉ स्कूल से स्नातक होने के बाद उसने कनाडा में एक वकील के रूप में काम किया.
एसएफजे को भारत सरकार द्वारा उसकी भारत विरोधी गतिविधियों के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है. पन्नुन को यूएपीए के तहत "व्यक्तिगत आतंकवादी" भी घोषित किया गया है.
पन्नून पर अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप है. उस पर 2016 में भारतीय वायु सेना के अधिकारी रविंदर सिंह घुमन की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है.
हाल के वर्षों में पन्नून भारतीय नेताओं और संस्थानों को धमकियां देता रहा है. अप्रैल 2023 में उन्होंने उसने असम यात्रा के दौरान भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी दी. जून 2023 में दो महीने में तीन अन्य प्रमुख खालिस्तानियों की मौत के बाद वह छिप गया है. जुलाई 2023 में वह एक वीडियो में फिर से सामने आया, जिसके बारे में दावा किया गया कि उसे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के पास शूट किया गया था.
भारत सरकार ने पन्नून की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को ₹1 करोड़ (US$125,000) का इनाम देने की पेशकश की है.