अयोध्या मामले में 9 नवंबर के फैसले के खिलाफ दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो )

अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के नौ नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर सभी याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबडे (CJI Sharad Arvind Bobde) की अध्यक्षता में गठित पांच जजों की पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल सभी 18 पुनर्विचार याचिकाओं (Review Petitions) को गुरुवार को खारिज कर दिया. पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना शामिल हैं.

दरअसल, इस फैसले ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था. यह फैसला सुनाने वाली संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई चूंकि अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसलिए उनके स्थान पर संविधान पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को शामिल किया गया था. यह भी पढ़ें- अयोध्या फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत भक्ति की भावना मजबूत करने का समय.

बता दें कि 18 पुनर्विचार याचिकाओं में से नौ याचिकाएं तो इस मामले के नौ पक्षकारों की थीं जबकि शेष पुनर्विचार याचिकाएं ‘तीसरे पक्ष’ ने दायर की थीं. इस मामले में सबसे पहले दो दिसंबर को पहली पुनर्विचार याचिका मूल वादी एम सिदि्दक के कानूनी वारिस मौलाना सैयद अशहद रशिदी ने दायर की थी.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने नौ नंवबर को अपने फैसले में समूची 2.77 एकड़ विवादित भूमि ‘राम लला’ विराजमान को दे दी थी और केंद्र को निर्देश दिया था कि वह अयोध्या में एक मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन आवंटित करे.