कोरोना संकट के बीच असम में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का कहर, 10 जिलों में अब तक 14 हजार से ज्यादा सूअरों की मौत
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits Pixabay)

कोरोना वायरस संकट के बीच असम में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू बीमारी के चले बड़े बड़े पैमाने पर सूअरों की मौत हो रही है. इस महामारी से असम में सोमवार तक 13 हजार से ज्यादा सूअर की मौत हुई थी. वहीं राज्य सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार असम में मंगलवार तक सूअरों की मरने की संख्या बढ़कर 14,465 हो गई है. मरने वाले सूअरों में 10 जिलों के सूअर शामिल हैं. यह महामारी बढ़ने से रोका जा सके असम के पशुपालन मंत्री अतुल बोरा (Atul Bora) ने सूअर पालने वाले किसानों से कहा कि उनके मरने के बाद उन्हें जमीन के अंदर गहराई में अच्छी तरफ से दफनाये ताकि इस बीमारी को रोका जा सके. इसके साथ ही बोरा ने कहा कि इस महामारी को रोका जा सके सरकार हर संभव कदम उठा रही है.

एक दिन पहले सोमवर को असम पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है. सोमवार तक अफ्रीकन स्वाइन फ्लू (एएसएफ) की वजह से 13,013 सूअरों की मौत हुई है. एएसएफ असम में सबसे पहले इस वर्ष फरवरी में सामने आया था. उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा, संक्रमण छह जिलों से तीन और जिलों माजुली, गोलाघाट और कामरूप मेट्रोपॉलिटन में फैल गया है. यह भी पढ़े: भारत के लिए और एक बड़ा संकट, असम में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू से 2500 सूअरों की मौत, देश में बीमारी का पहला मामला

असम में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू से अब तक 14,465 सूअरों की मौत:

इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पशु चिकित्सा एवं वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पशु को बीमारी से बचाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के राष्ट्रीय सूअर अनुसंधान केंद्र (एनपीआरसी) के साथ मिलकर काम करें. बोरा ने कहा कि विभाग द्वारा 2019 की गणना के अनुसार, राज्य में सूअरों की संख्या 21 लाख थी, जो बढ़कर लगभग 30 लाख हो गई है. उन्होंने कहा कि केंद्र से मंजूरी के बावजूद, राज्य सरकार ने सूअरों को तुरंत नहीं मारने का फैसला किया है और बीमारी के प्रसार को रोकने का वैकल्पिक विकल्प चुना है. (इनपुट भाषा)