नई दिल्ली, 13 अगस्त: देश के कई विश्वविद्यालयों में पीएचडी का इंट्रेंस एग्जाम अब हिंदी में भी आयोजित किया जाएगा चार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इसको स्वीकृति मिल चुकी है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम संबंधी जानकारियां अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की है. यह भी पढ़े: CUET PG 2023 Exam: सीयूईटी पीजी का आयोजन 5-12 जून के बीच, ऐसे डाउनलोड करें एडमिट कार्ड
एनटीए ने दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किया है इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 8 सितंबर है एनटीए का कहना है कि 8 सितंबर के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे.
आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 9 सितंबर को करेक्शन विंडो खोली जाएगी आवेदन के दौरान यदि छात्रों से कोई त्रुटि रह गई है या वे कोई अन्य जानकारी अपने फॉर्म में शामिल करना चाहते हैं तो और ऐसी स्थिति में छात्र, करेक्शन विंडो खुलने के बाद 11 सितंबर तक अपने आवेदन पत्र में सुधार कर सकेंगे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक, पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) कर चुके छात्र, एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन कर सकते हैं पीएचडी के लिए आवेदन हेतु कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है.
गौरतलब है कि पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम में पहले एग्जाम अंग्रेजी माध्यम में देने की व्यवस्था थी। उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र इस व्यवस्था का लगातार विरोध कर रहे थे छात्रों का कहना है कि उनके इस विरोध के चलते परीक्षा की भाषा में हिंदी को भी शामिल किया गया है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आधिकारिक तौर पर परीक्षाएं हिंदी में कराने की घोषणा कर चुकी है और इसकी जानकारी एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर ही साझा की है.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के इस निर्णय का असर देश के चार बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर में देखने को मिल रहा है अब यहां आयोजित की जानेवाली पीएचडी परीक्षाओं में एंट्रेंस एग्जाम का माध्यम हिंदी भी होगा हालांकि अंग्रेजी के इच्छुक छात्र पहले की तरह अंग्रेजी में परीक्षा देने के लिए स्वतंत्र होंगे.
इसका सीधा-सीधा अर्थ यह है कि जो छात्र अंग्रेजी भाषा में एंट्रेंस एग्जाम देना चाहते हैं वे अंग्रेजी भाषा में परीक्षाएं दे सकेंगे, लेकिन हिंदी भाषा का विकल्प चुनने वाले छात्रों के लिए अब हिंदी में भी एंट्रेंस एग्जाम उपलब्ध होगा इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी लिया गया है कि इन परीक्षाओं में अब निगेटिव मार्किंग नहीं होगी.