इस दिन आपको भी सुनाई दे सकता है युद्ध वाला सायरन, क्या है सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल; यहां जानें इसके बारे में सबकुछ
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नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार अलर्ट मोड पर है. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को सिविल डिफेंस के लिए मॉक ड्रिल करने को कहा है. ये मॉक ड्रिल 7 मई को होगी. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने 7 मई को सिविल डिफेंस के लिए मॉक ड्रिल का फैसला लिया है. इसके लिए राज्यों को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं. सरकारी सूत्रों ने कहा कि जो उपाय किए जाने हैं उनमें हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन तथा शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में स्वयं की रक्षा के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर नागरिकों को प्रशिक्षण देना शामिल है.

पाकिस्‍तान से तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने राज्यों को मॉक ड्रिल का दिया निर्देश.

इन उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ब्लैकआउट उपाय, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को शीघ्र छिपाने का प्रावधान और उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह मॉक ड्रिल देशभर में 7 मई से शुरू होगी और 9 मई तक जारी रहने की संभावना है.

इस ड्रिल में कई जरूरी कदम उठाए जाएंगे. यह अभ्यास न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों को जांचने के लिए है, बल्कि सामान्य नागरिकों को भी आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग देने का जरिया है.

सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल क्या होती है?

सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक पूर्वाभ्यास होता है जिसमें युद्ध या आतंकी हमलों जैसी संभावित स्थितियों का प्रयोगात्मक अभ्यास किया जाता है. इसका उद्देश्य है;

  • नागरिकों को आत्मरक्षा की जानकारी देना.
  • आपातकालीन संचार और सूचना तंत्र को जांचना.
  • इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम की क्षमता को परखना.
  • इस ड्रिल में एयर रेड सायरन बजाना, ब्लैकआउट करना, महत्वपूर्ण संस्थानों को छिपाना (कैमोफ्लाज करना) और निकासी योजनाओं (Evacuation Plans) को अभ्यास में लाना शामिल होता है.

इस मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?

  • इस सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के दौरान कई अहम कदम उठाए जाएंगे:
  • एयर रेड सायरन बजाना: संभावित हमले की चेतावनी देने के लिए.
  • नागरिकों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण: खासकर स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को बताया जाएगा कि कैसे सुरक्षित रहें.
  • ब्लैकआउट प्रोटोकॉल: रात में रोशनी बंद करके दुश्मन को निशाना बनाने से रोकने का अभ्यास.
  • महत्वपूर्ण संस्थानों का कैमोफ्लाज: जैसे पावर प्लांट, सरकारी बिल्डिंग आदि को छिपाने की योजना.
  • निकासी अभ्यास (Evacuation Drills): यह सुनिश्चित करना कि संकट की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थान पर कैसे ले जाया जाएगा.

क्यों जरूरी हो गई है यह ड्रिल?

पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) द्वारा किए गए पहलगाम हमले ने देश को झकझोर दिया है. भारत-पाक सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है, और ऐसे में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल देश के सामूहिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है.

जनता को क्या करना चाहिए?

  • अगर आपके शहर में ड्रिल हो रही है, तो घबराएं नहीं.
  • प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लें, और बताई गई सुरक्षा प्रक्रियाओं को ध्यान से समझें.
  • आपातकालीन नंबर और निकासी रूट की जानकारी रखें.
  • अफवाहों से बचें और सरकारी निर्देशों का पालन करें.

भारत इन कठिन परिस्थितियों में केवल सैन्य मोर्चे पर नहीं, सामाजिक और नागरिक स्तर पर भी तैयार हो रहा है. सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का उद्देश्य न सिर्फ जनता को सशक्त करना है, बल्कि एकजुट होकर हर आपदा का सामना करने की क्षमता विकसित करना भी है.

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