नई दिल्ली, 2 अक्टूबर: भारत के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने यहां अपने डीओटी केंद्र में रीजेंट कैमिकल ना होने के कारण टीबी टेस्टों के लिए नमूने एकत्र करना बंद कर दिया है. कार्टेज आधारित न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (सीबीएनएएटी), जो 2 घंटे के भीतर टीबी और रिफैम्पिसिनप्रतिरोध का निदान करता है, पिछले डेढ़ महीने से डॉट केंद्र पर उपलब्ध नहीं है. एक आधिकारिक संचार में कहा गया है कि इंटरमीडिएट रेफरेंस लेबोरेटरी में फस्र्ट लाइन एलपीए, एमजीआईटी कल्चर और डीएसटी सेवाओं को तत्काल प्रभाव से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है और रीजेंट कैमिकल उपलब्ध होते ही फिर से शुरू हो जाएगा.
एक लैब कर्मचारी ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि पिछले एक महीने से केंद्र में जांच लिए कई टेस्ट बंद हैं और रोजाना औसतन 70 से 80 मरीज खाली हाथ लौटते हैं. उन्होंने कहा कि सीबीएनएटीटी टेस्ट अब एक महीने के लिए बंद कर दिया गया है और टीबी के लिए एलपीए कल्चर टेस्ट और डीएसटी जैसे अन्य टेस्ट भी रीजेंट कैमिकल कार्टेज की आपूर्ति ना होने के कारण बंद कर दिए गए हैं. राष्ट्रीय क्षय रोग कार्यक्रम के तहत सभी डॉट्स केंद्रों को कैमिकल कार्टेज की आपूर्ति की जा रही है. यह भी पढ़े: GangRape In Hospital: तेलंगाना के अस्पताल में महिला से गैंगरेप, मामले की जांच में जुटी पुलिस
एम्स के अलावा, चिकित्सा विभाग के तहत आईआरएल लैब, चार अन्य केंद्रों - नेहरू नगर, दीन दयाल, मोती नगर और एनडीएमसी चेस्ट पॉलीक्लिनिक - से टेस्ट के लिए नमूना लेती है. डॉट्स केंद्र ने अब मरीजों से नमूने एकत्र करना बंद कर दिया है क्योंकि प्रयोगशाला तकनीशियन रीजेंट कैमिकल की अनुपस्थिति में टेस्ट करने में असमर्थ हैं. एक लैब कर्मचारी ने कहा कि कैमिकलों की अनुपलब्धता के अलावा, आईआरएल के पास दो माइक्रोबायोलॉजिस्ट और केवल एक तकनीशियन के साथ कर्मचारियों की भी कमी है.