अफगान राजदूत बनीं तस्कर! कपड़े कें अंदर छिपाया सोना, मुंबई एयरपोर्ट पर 18.6 करोड़ रुपये का 25 किलो गोल्ड बरामद

मुंबई एयरपोर्ट पर एक बड़ी घटना सामने आई है, जहां अफ़गानिस्तान की राजदूत ज़किया वर्दाक  को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने कथित तौर पर 25 किलो सोना तस्करी करते हुए पकड़ा है. इस सोने की कीमत लगभग 18.6 करोड़ रुपये बताई जा रही है और इसे दुबई से भारत लाया जा रहा था.

क्या है पूरा मामला?

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 25 अप्रैल की है. वर्दाक अपने बेटे के साथ एमिरेट्स की एक फ्लाइट से दुबई से मुंबई पहुंची थीं. उन्होंने एयरपोर्ट पर ग्रीन चैनल का इस्तेमाल किया, जिसका मतलब है कि उनके पास कोई भी ऐसा सामान नहीं था जिसकी घोषणा कस्टम अधिकारियों को करनी पड़ती.

हालांकि, DRI को पहले से ही वर्दाक के बारे में गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने एयरपोर्ट पर कई अधिकारियों को तैनात किया था. वरदक और उनके बेटे के सामान की जाँच की गई, जिसमें पाँच ट्रॉली बैग, एक हैंडबैग, एक स्लिंग बैग और एक नेक पिलो शामिल था. जाँच के बाद उन्हें जाने दिया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद DRI अधिकारियों ने उन्हें रोककर पूछा कि क्या उनके पास कोई भी ऐसा सामान या सोना है जिस पर टैक्स लगता है. वरदक और उनके बेटे ने इससे इनकार किया.

इसके बाद, वर्दाक को एक अलग कमरे में ले जाया गया जहाँ एक महिला अधिकारी ने उनकी तलाशी ली. इस दौरान उनके जैकेट, लेगिंग्स, घुटने के कैप और कमर बेल्ट में छुपाकर रखे गए सोने के बिस्कुट मिले. उनके बेटे की भी जाँच की गई, लेकिन उसके पास से कुछ नहीं मिला.

राजनयिक छूट का सहारा

वर्दाक से सोने के वैध स्वामित्व के दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वो उन्हें पेश नहीं कर सकीं. अधिकारियों ने सोना जब्त कर लिया और कस्टम एक्ट, 1962 के तहत उनके खिलाफ सोने की तस्करी का मामला दर्ज किया गया. हालांकि, वरदक को गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि उन्हें अफ़गानिस्तान से राजनयिक छूट प्राप्त है. इस छूट के कारण वो भारतीय कानूनों के तहत गिरफ्तारी और मुकदमे से बच सकती हैं.

वर्दाक ने आरोपों से इनकार किया

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, वर्दाक ने कहा कि वो सोने की तस्करी के आरोपों से "हैरान" और "चिंतित" हैं. उन्होंने कहा कि वो इस मामले पर और कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती हैं.

इस घटना के कई पहलुओं पर अभी भी सवालिया निशान हैं, जैसे कि वरदक सोना कहाँ से लाई थीं और उसे कहाँ ले जा रही थीं. इस घटना ने राजनयिक छूट के दुरुपयोग और सोने की तस्करी के खतरे पर भी सवाल खड़े किए हैं.