मुंबई, 17 फरवरी घरेलू शेयर बाजारों में पिछले तीन दिनों से जारी तेजी पर शुक्रवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 317 अंक टूट गया. वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच वित्तीय और आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 316.94 अंक यानी 0.52 प्रतिशत गिरावट के साथ 61,002.57 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 508.84 अंक तक नीचे चला गया था. यह भी पढ़ें: दिल्ली मेयर चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे नॉमिनेटेड मेंबर्स, चुनाव पर SC का फैसला
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 91.65 अंक यानी 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,944.20 अंक पर बंद हुआ.
इससे पहले, सेंसेक्स में बृहस्पतिवार तक तीन दिनों में 887 अंक और निफ्टी में 265 अंक की तेजी आई थी.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. में उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘बाजार दबाव में रहा और आधा प्रतिशत नीचे आया। निफ्टी सूचकांक में नुकसान से उबरने की स्थिति देखी गयी लेकिन बैंक शेयरों में लगातार बिकवाली तथा आईटी शेयरों में नुकसान से सूचकांक नीचे बंद हुआ.’’
सेंसेक्स समूह के शेयरों में नेस्ले सबसे ज्यादा 3.12 प्रतिशत नीचे आया. इसके अलावा, इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एक्सिस बैंक, इन्फोसिस और भारती एयरटेल नुकसान में रहे.
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में लार्सन एंड टुब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी और रिलायंस शामिल हैं.
अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज में 4.15 प्रतिशत की गिरावट रही। उच्चतम न्यायालय ने शेयर बाजार के लिए नियामकीय उपायों को मजबूत बनाने की खातिर विशेषज्ञों की समिति पर केंद्र के सुझाव को सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से इनकार कर दिया. अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की अडाणी समूह पर खातों धोखाधड़ी के आरोप के बाद हाल में समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट के बीच न्यायालय ने उक्त आदेश दिया.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार को दिशा देने वाले कारणों का अभाव रहा. ऐसे में वैश्विक रुख ने ही बाजार पर असर डाला. अमेरिकी बाजार को उम्मीद से अधिक मुद्रास्फीति का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रोजगार बाजार में मजबूती है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में उत्पादक कीमत सूचकांक (पीपीआई) 6.0 प्रतिशत रहा जबकि अनुमान 5.4 प्रतिशत का था. यह बताता है कि ब्याज दर अभी चरम पर नहीं पहुंची है और कुछ समय तक ऊंची बनी रहेगी.’’
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख था. अमेरिकी शेयर बाजार बृहस्पतिवार को नुकसान में रहा था. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83.66 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 1,570.62 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)