भोपाल, 30 जुलाई: मध्यप्रदेश में जारी भारी बारिश के दौर के बीच कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है जबकि शिवपुरी जिले में हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि राहत और बचाव के लिए सेना बुलानी पड़ी है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. गुना जिले में भी बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां एक पुल ढह गया. अधिकारियों ने बताया कि गुना के कई गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. आईएमडी ने भोपाल, विदिशा, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, अशोकनगर, गुना और शिवपुरी समेत कई जिलों में अगले 24 घंटे में 8 से 9 इंच तक बारिश की संभावना जताई है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने होमगार्ड मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर मौजूदा स्थिति की जानकारी ली और अतिवृष्टि वाले जिलों के कलेक्टर व अन्य अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि सभी जिलों को हरसंभव मदद पहुंचाई जाएगी और बचाव व राहत कार्य में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लगातार बारिश और उफनते नदी-नालों के कारण शिवपुरी के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं और हालात इतने खराब हो गए कि जिला प्रशासन को मदद के लिए मंगलवार रात झांसी से सेना बुलानी पड़ी.
एक अधिकारी ने बताया कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र में अब तक 250 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है जबकि 100 से अधिक लोग अभी भी बाढ़ में फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि सबसे चिंताजनक स्थिति पचावली गांव की है, जहां करीब 30 स्कूली बच्चे पिछले 24 घंटे से फंसे हुए हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं.
कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए सेना की मदद ले रहे हैं और उसकी टीम फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाल रही है तथा जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री और जरूरी राहत सामग्री भी पहुंचा रही है.
राहत और बचाव अभियान की कमान संभाल रहे सेना के मेजर शिवम गांगुली ने बताया कि उनकी दो टीम अलग-अलग इलाकों में राहत कार्य में लगी हुई है जबकि एक चिकित्सकीय टीम भी तैनात है.
गुना जिले के आदिवासी बाहुल्य विकास खंड बमोरी में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण आठ गांवों के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.
कलेक्टर किशोर कान्याल ने बताया की बमोरी के कलोरा बांध के क्षतिग्रस्त होने से ग्राम सिंगापुर, तुमड़ा, कुड़का, बंधा, उम्रधा व बनियानी ग्राम के नागरिको को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.
इस बीच, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार देर रात गुना, शिवपुरी और अशोकनगर के जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद किया और बारिश से पैदा हुए हालात का जायजा लिया.
बैठक के दौरान सिंधिया ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा, भोजन, शुद्ध पेयजल और चिकित्सा सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं और आवश्यकता होने पर नाव, हेलीकॉप्टर एवं अन्य संसाधनों का तुरंत उपयोग किया जाए.
सिंधिया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राहत एवं बचाव कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई या देरी स्वीकार नहीं होगी.’’ उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों को समन्वय पूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए गए ताकि कोई भी परिवार राहत से वंचित न रह जाए.
सिंधिया ने बताया कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय के निरंतर संपर्क में हैं और साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी स्थितियों की नियमित जानकारी साझा की जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर राहत कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध हैं.’’
इन जिलों के अलावा डिंडोरी, विदिशा, जबलपुर, नर्मदापुरम, अलिराजपुर, राजगढ़ और बैतूल में भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन की ओर से इन सभी जिलों में तेजी से राहत और बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं.
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