दक्षिण कोरिया में बिना अनुमति के उत्तर कोरिया के साथ किसी भी तरह का कारोबार करने पर मनाही है। यह कदम काफी हद तक सांकेतिक है, क्योंकि दोनों विरोधी देशों के बीच बहुत कम वित्तीय सौदे होते हैं।
बहरहाल, दक्षिण कोरिया के इस कदम पर उत्तर कोरिया असहज होकर प्रतिक्रिया दे सकता है। उत्तर कोरिया ने पिछले महीने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल और उनकी सरकार को ‘मूर्ख’ और ‘अमेरिका की ओर से दी गई हड्डी चबाता जंगली कुत्ता’ करार दिया था।
इसके बाद सियोल ने कहा था कि वह प्योंगयांग पर और अधिक एक पक्षीय प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। अमेरिकी कोषागार विभाग की ओर से उत्तर कोरिया की सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी के तीन सदस्यों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के थोड़ी देर बाद ही दक्षिण कोरिया की ओर से भी प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया।
उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक हथियारों के विकास में मदद करने के लिए अमेरिका ने इन तीनों पर प्रतिबंध लगाया।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण कोरिया की ओर से बढ़ते हथियार के खतरों के मद्देनजर सियोल ने ये प्रतिबंध लगाए हैं। उत्तर कोरिया की ओर से पिछले महीने किये गये एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण को लेकर सियोल ने यह बात कही। इस परीक्षण में यह दर्शाया गया था कि उत्तर कोरिया की मिसाइल अमेरिका की मुख्य धरती तक पहुंच सकती है।
जिन आठ लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं उनमें से छह लोग चार उत्तर कोरियाई बैंकों के अधिकारी हैं, एक चेन शिह हुआन नाम का ताइवानी नागरिक है और एक व्यक्ति क्वेक की सेयुंग सिंगापुर का निवासी है।
प्रतिबंधित की गई सात कंपनियों में से चार उत्तर कोरिया की हैं, जबकि तीन सिंगापुर स्थित शिपिंग कंपनी हैं।
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