बेंगलुरु: दक्षिण पश्चिम रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ई-टिकट निकालने के लिए अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने में शामिल गिरोह के सरगना और 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार करने के साथ मंगलवार कोएक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा किया. दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्ल्यूआर) के अनुसार देश-विदेश में इस गिरोह के 25 हजार हैकर तथा बिचौलिये हैं जिसने अब तक करोड़ों रुपये के टिकट से कालाधन बनाया.
रेलवे का दावा है कि वे देश-विदेश में अनेक अन्य राष्ट्रविरोधी तथा आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं. ओडिशा के केंद्रपाड़ा के रहने वाले गिरोह के सरगना के पास हैकिंग प्रणाली मिली है जिससे इसरो, रेलवे और अन्य सरकारी संगठनों के सॉफ्टवेयर हैक किये जा सकते हैं.
एसडब्ल्यूआर ने कहा कि पिछले साल सितंबर में खुफिया एजेंसियों ने भारत में तत्काल टिकट बुक करने में इस्तेमाल आने वाली आईआरसीटीसी और बैंक सुरक्षा प्रणालियों को धता बताते हुए अवैध सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बारे में सतर्क किया था. एसडब्ल्यूआर की आरपीएफ द्वारा अनेक छापों के बाद अवैध सॉफ्टवेयर कारोबार के सरगना के बारे में सुराग मिला.
अक्टूबर 2019 से फरार चल रहा अपराधी केंद्रपाड़ा से जनवरी 2020 में पुलिस की गिरफ्त में आया. बाद में आरपीएफ का जांच दल आगे पूछताछ के लिए उसे बेंगलुरु लेकर आया. एसडब्ल्यूआर ने एक बयान में कहा, ‘‘पूछताछ में पता चला कि उसके पास इसरो, रेलवे और अन्य
सरकारी संगठनों के उपकरणों को हैक करने के लिए लाइनक्स आधारित उच्चस्तरीय हैकिंग प्रणाली वाला पाकिस्तान का सॉफ्टवेयर था.’’ पूछताछ में उसने भारत और विदेश में 25 हजार हैकरों और बिचौलियों के बारे में बताया.
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