पांढुर्ना (मप्र), 4 सितंबर : मध्यप्रदेश के पांढुर्ना में मंगलवार को पारंपरिक ‘गोटमार’ या पत्थरबाजी उत्सव के दौरान 250 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें से पांच की हालत गंभीर है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि इस उत्सव का मुख्य कार्यक्रम नदी के दो किनारों पर विभाजित दो समूहों के लोगों द्वारा एक-दूसरे पर पत्थर फेंकना है. यह परंपरा लगभग तीन शताब्दियों से चली आ रही है. पुलिस अधीक्षक सुंदर सिंह कनेश ने बताया कि पांढुर्ना जिले के गठन के बाद यह आयोजन पहली बार हुआ है.
किनेश ने बताया कि करीब 280 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शाम को 'पलाश' के पेड़ की पूजा करने के बाद उत्सव समाप्त हो गया. उन्होंने बताया कि उत्सव के दौरान 500 पुलिसकर्मियों, 16 एंबुलेंस, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गई थी और इस बार ड्रोन कैमरों की भी सेवा ली गई थी. यह भी पढ़ें : पोरबंदर के पास समुद्र में गिरा ICG का हेलीकॉप्टर, क्रू के तीन सदस्य लापता, 1 गोताखोर को बचाया गया
यह परंपरा करीब 300 साल पहले शुरू हुई थी, जब पांढुर्ना के एक लड़के ने पड़ोसी सावरगांव की एक लड़की को प्रेम विवाह के लिए भगा लिया था और उसके साथ नदी पार करते समय उसे लड़की के गांव वालों की पत्थरों की बौछार का सामना करना पड़ा था. इससे पहले कि उसके गांव के लोग उसे बचाने के लिए आते. अब लड़की को भगाने की कोई घटना नहीं होती. इसके बजाय, सावरगांव और पांढुर्ना गांवों के प्रतिद्वंद्वी समूह जाम नदी के दोनों ओर इकट्ठा होते हैं और बीच धारा में खड़े एक सूखे पेड़ पर लगे झंडे को छीनने की होड़ लगाते हैं, जबकि दोनों तरफ से पत्थर फेंके जाते हैं. पहले भी इस उत्सव के दौरान लोगों की जान जा चुकी है.