मुंबई, 11 अप्रैल : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कई पदाधिकारियों ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य में भाजपा नीत महायुति गठबंधन को समर्थन देने के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. मनसे छोड़ने वालों में शामिल पार्टी महासचिव कीर्ति कुमार शिंदे ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर अपने फैसले की जानकारी दी. बुधवार को सोशल मीडिया मंच पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि मनसे प्रमुख ठाकरे ने 2019 में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के खिलाफ रुख अपनाया था. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि आज पांच साल बाद राज साहेब ने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षण में अपनी राजनीतिक भूमिका बदल ली है. राजनीतिक विश्लेषक बताएंगे कि वह कितने गलत हैं और कितने सही.
उन्होंने पोस्ट में कहा, "इनदिनों नेता जब चाहें, जो चाहें राजनीतिक भूमिका निभा सकते हैं. लेकिन लड़ाके (पार्टी कार्यकर्ताओं का संदर्भ) जो उनके विचारों पर भरोसा करते हैं, कुचल दिये जाते हैं. इसका क्या?" राज ठाकरे ने मंगलवार को गुडी पड़वा (परंपरागत महाराष्ट्र नव वर्ष) पर अपनी पार्टी की वार्षिक रैली में प्रधानमंत्री मोदी और महायुति गठबंधन को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की. महायुति गठबंधन में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल है. ठाकरे के रुख का उल्लेख करते हुए मिहिर दावते और मुंबई के बाहरी इलाके डोंबिवली में मनसे की छात्र शाखा के पदाधिकारियों ने भी पार्टी छोड़ दी. दावते ने कहा कि ठाकरे द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को समर्थन देने की घोषणा के बाद उन्होंने विरोध स्वरूप पार्टी छोड़ी है. यह भी पढ़ें : पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी परियोजनाओं को पूरा करने पर सरकार का जोर: विदेश मंत्री जयशंकर
उन्होंने कहा "हमने देखा कि राज साहेब के बदलते रुख का सामना करना मुश्किल है....इसलिए अलग होना ही बेहतर है.'' उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का एक वर्ग चुप है लेकिन ठाकरे के फैसले से खुश नहीं है. राज ठाकरे का यह फैसला पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी मुलाकात के बाद सामने आया है. महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में मतदान होगा और मतगणना चार जून को होगी.