आईपीईएफ के स्वच्छ समझौतों से भारत के नीतिगत फैसले बाधित नहीं होने चाहिए: जीटीआरआई

नयी दिल्ली, 18 नवंबर: आईपीईएफ सदस्यों के स्वच्छ और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौतों के लिए बातचीत पूरी करने के बीच एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को इन समझौतों को अंतिम रूप देते समय सतर्क रुख अपनाना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक नई प्रतिबद्धताओं से नीतिगत फैसले करने की गुंजाइश और राजस्व सृजन करने की क्षमताएं सीमित नहीं होनी चाहिए.

थिंक टैंक वैश्विक व्यापार शोध पहल (जीटीआरआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बातचीत पूरी होने के बाद, भारत सहित आईपीईएफ सदस्य देश अब घरेलू परामर्श और कानूनी समीक्षा करेंगे। इसके बाद प्रस्तावित समझौतों का अंतिम पाठ तैयार होगा. समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक मसौदा (आईपीईएफ) के सदस्यों ने इस सप्ताह स्वच्छ और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौतों पर बातचीत पूरी की.

जीटीआरआई ने कहा कि इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि नई प्रतिबद्धताएं उसकी नीति गुंजाइश या कर राजस्व सृजन करने की क्षमताओं को अत्यधिक प्रतिबंधित न करें. रिपोर्ट में कहा गया कि स्वच्छ अर्थव्यवस्था प्रतिबद्धताओं, श्रम मानकों और कृषि नीतियों जैसे क्षेत्रों में सावधानीपूर्वक विचार करने की जरूरत है.

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