Pegasus Project: भारत सरकार की ओर से 'पेगासस प्रोजेक्ट' मीडिया रिपोर्ट पर जवाब दिया गया है. केंद्र सरकार की ओर से रविवार को कहा गया है कि, भारत एक मजबूत लोकतंत्र है जो अपने सभी नागरिकों को निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत सरकार ने पेगासस के साथ संबंध के कथित दावों को खारिज करते हुए कहा है कि कोई अनधिकृत अवरोधन (unauthorised interception) नहीं हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार ने कहा है कि, उसने व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 को प्रस्तुत किया है जिससे कि लोगों के पर्सनल डेटा की सुरक्षा की जा सके और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया जा सके. सरकार ने इस मामले में कहा है कि, विशिष्ट लोगों पर सरकार की निगरानी के आरोपों का कोई भी ठोस आधार नहीं है.
Government of India’s response to inquiries on the ‘Pegasus Project’ media report. pic.twitter.com/F4AxPZ8876
— ANI (@ANI) July 18, 2021
<script>सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उक्त रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने की कोशिश प्रतीत होती है. देश में एक अच्छी तरह से स्थापित प्रक्रिया है जिसके जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक संचार का वैध इंटरसेप्शन किया जाता है. खास तौर पर केंद्र और राज्यों की एजेंसियों द्वारा किसी आपात स्थिति या सार्वजनिक सुरक्षा के हित में ऐसा किया जाता है.
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गौरतलब है कि मेक्सिको से लेकर सऊदी अरब जैसे देशों की विभिन्न सरकारों पर नागरिकों की आवाज दबाने के लिए पेगासस के इस्तेमाल करने के आरोप लगा चुके हैं. मेक्सिको की सरकार NSO की पहली क्लाइंट मानी जाती हैं. वहीं द वॉशिंगटन पोस्ट के कॉलमनिस्ट जमाल खशोगी की हत्या में पेगासस स्पाइवेयर का भी नाम आया था.