जरुरी जानकारी | सहकारिता मंत्रालय ने 11 राज्यों में प्रायोगिक अनाज भंडारण परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

नयी दिल्ली, तीन जून सहकारिता सचिव आशीष कुमार भूटानी की अध्यक्षता में भारत की महत्वाकांक्षी अनाज भंडारण परियोजना के लिए राष्ट्रीय स्तरीय समन्वय समिति (एनएलसीसी) ने सोमवार को अपनी पहली बैठक की और पिछले साल 11 राज्यों में शुरू की गई प्रायोगिक परियोजना में हुई प्रगति की समीक्षा की।

सहकारिता मंत्रालय की अगुवाई में शुरू हुई इस पहल का उद्देश्य देशभर में प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी (पैक्स) स्तर पर गोदामों और अन्य कृषि बुनियादी ढांचे का विकेन्द्रीकृत नेटवर्क बनाना है।

इस अवसर पर सहकारिता सचिव ने कहा कि यह सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसमें देशभर में शुरु करने के लिए विकेन्द्रीकृत स्तर पर गोदामों के निर्माण की परिकल्पना की गई है।

नाबार्ड और एफसीआई के समर्थन से राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा कार्यान्वित इस प्रायोगिक परियोजना को अब अतिरिक्त 500 ‘पैक्स’ तक बढ़ाया जा रहा है।

बयान में कहा गया है कि यह योजना कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) और कृषि विपणन अवसंरचना योजना (एएमआई) जैसी मौजूदा सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर गोदामों, कस्टम हायरिंग केंद्रों, प्रसंस्करण इकाइयों और उचित मूल्य की दुकानों सहित तमाम सुविधाएं स्थापित करती है। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और एनसीसीएफ और नेफेड जैसी राष्ट्रीय सहकारी समितियों ने परियोजना के तहत भंडारण क्षमता निर्माण के लिए और अधिक पैक्स की पहचान की है।

इसमें कहा गया है कि समिति ने अंशधारकों के साथ राष्ट्रव्यापी विस्तार और संभावित गोदाम पहुंच के लिए रणनीतियों पर भी चर्चा की। कृषि, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सहित प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों के साथ-साथ एफसीआई, नाबार्ड और डब्ल्यूडीआरए के प्रमुख इस बैठक में मौजूद थे।

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