नयी दिल्ली, 16 फरवरी : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत पेश किया. उन्होंने यह प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत पर अदालत में पेश होने से एक दिन पहले पेश किया. प्रवर्तन निदेशालय ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में बार-बार पूछताछ के लिए समन जारी किए जाने बावजूद पेश नहीं होने पर अदालत से शिकायत की थी. इस प्रस्ताव पर शनिवार को विधानसभा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के विधायकों और विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी की उपस्थिति में चर्चा की जाएगी क्योंकि बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कथित रूप से हस्तक्षेप करने पर भाजपा के आठ में से सात विधायकों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था.
यह दूसरी बार है जब केजरीवाल सरकार ने 70 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत मांगा है. मौजूदा विधानसभा में ‘आप’ के पास 62 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास आठ विधायक हैं. विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘‘दो विधायक मेरे पास यह कहते हुए आए थे कि भाजपा सदस्यों ने उनसे संपर्क किया है और उन्हें 25-25 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है. उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और सरकार गिरा दी जाएगी.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ उन्हें यह भी बताया गया कि भाजपा 21 विधायकों के संपर्क में है. उन्होंने ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत हमारे विधायकों से संपर्क करने के कई प्रयास किए हैं. इस बार भी, हमारे विधायकों ने पाला बदलने से इनकार कर दिया.’’ केजरीवाल ने कहा कि इन दावों के बाद ‘आप’ ने अपने सभी विधायकों से जांच की और पाया कि उनके सात विधायकों से संपर्क किया गया था, लेकिन उनमें से किसी ने भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया. यह भी पढ़ें : UP: वाराणसी में राहुल गांधी ने जिस जगह भाषण दिया उसे गंगाजल से धोया गया, देखें वीडियो
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली आबकारी नीति का मामला झूठा है. इस मामले में मुख्यमंत्री के विश्वसनीय सहयोगी मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में हैं. मुख्यमंत्री ने सदन में कहा, ‘‘यह तथाकथित शराब घोटाला कोई घोटाला नहीं है. इसका एकमात्र उद्देश्य किसी भी तरह से दिल्ली सरकार को गिराना है. घोटाले की आड़ में ‘आप’ नेताओं को गिरफ्तार किया गया; लेकिन ये कोशिश भी सफल नहीं हो पाई. हमारे एक भी विधायक ने दलबदल नहीं किया और हमारे सभी विधायक अभी भी हमारे साथ हैं.’’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जानती है कि वह दिल्ली में कभी चुनाव नहीं जीत सकती और इसीलिए वह ‘आप’ सरकार को गिराने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह दिखाने के लिए कि हमारे किसी भी विधायक ने दलबदल नहीं किया है, सदन मंत्रिमंडल में अपना विश्वास व्यक्त करता है, मैं यह प्रस्ताव पेश करता हूं.’’
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दावा किया कि 62 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद केजरीवाल विश्वास मत प्रस्ताव ला रहे हैं, जो प्रदर्शित करता है कि उनका अपना आत्मविश्वास डोल गया है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यहीं नहीं, विश्वास मत पेश होने से पहले ही वे भाजपा के आठ विधायकों से इतना डर गए कि उनमें से सात को निलंबित करवा दिया.’’ बिधूड़ी ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि केजरीवाल भाजपा पर ‘आप’ विधायकों को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए विश्वास प्रस्ताव पेश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस के सामने इसका सबूत पेश नहीं कर रहे हैं जबकि पुलिस इस मामले में उन्हें पहले ही नोटिस जारी कर चुकी है.
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि केजरीवाल द्वारा पेश विश्वास मत प्रस्ताव पर शनिवार को चर्चा होगी. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की एक अदालत से आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में समन जारी किए जाने के बावजूद पेश नहीं होने पर केजरीवाल की अदालत से शिकायत की है. अदालत ने केजरीवाल को 17 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है और कहा कि प्रथमदृष्टया आप प्रमुख समन का अनुपालन करने के लिए ‘कानूनी रूप से बाध्य’हैं. ईडी ने अदालत का रुख करने से पहले केजरीवाल को पांच समन जारी किए थे. इस सप्ताह की शुरुआत में ईडी ने छठा समन जारी कर उन्हें आबकारी नीति से जुड़े मामले में 19 फरवरी को पेश होने को कहा है.