भाजपा ने कांग्रेस से सीबीआई कार्रवाई को राजनीति से न जोड़ने, जांच में सहयोग करने को कहा
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रायपुर/दुर्ग, 26 मार्च : छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस को अपने नेता भूपेश बघेल और अन्य के परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए तथा जांच में सहयोग करना चाहिए. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कथित 6,000 करोड़ रुपये के महादेव ऐप घोटाले के सिलसिले में कांग्रेस नेता बघेल के आवास पर छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी की टीमों ने रायपुर और भिलाई में बघेल के आवासों के साथ-साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और पूर्व मुख्यमंत्री के एक करीबी सहयोगी के घरों पर भी छापेमारी की.

सूत्रों ने बताया कि दुर्ग जिले के भिलाई शहर में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, बघेल के पूर्व राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा तथा आईपीएस अधिकारी आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख और प्रशांत अग्रवाल, राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी संजय ध्रुव सहित अन्य के परिसरों पर भी छापेमारी की गई. कांग्रेस ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के आवास पर सीबीआई की छापेमारी राजनीति से प्रेरित है और वह इस तरह की कार्रवाई से डरने वाली नहीं है. वहीं, भाजपा ने कांग्रेस से सीबीआई की कार्रवाई को राजनीति से नहीं जोड़ने और जांच में सहयोग करने को कहा.

राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘राज्य में भूपेश-बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान कई बड़े घोटाले हुए, जिनकी जांच सीबीआई और ईडी कर रही है. जांच की इसी कड़ी में सीबीआई ने बुधवार को राजनीतिक नेताओं, आईपीएस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के ठिकानों समेत करीब 50 ठिकानों पर छापेमारी की. सीबीआई की यह कार्रवाई जांच की सतत प्रक्रिया का हिस्सा है.’’ यह भी पढ़ें : हजारीबाग में हिंसक झड़प : 10 नामजद, 200 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह जांच किसी एक व्यक्ति पर केंद्रित नहीं है, क्योंकि इसके तहत अधिकारी भी शामिल हैं. इस कार्रवाई को राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है. कांग्रेस हर ऐसी कार्रवाई को राजनीति से जोड़ती है. जब ये घोटाले हुए, तब मुख्यमंत्री कौन था? यह उनके (कांग्रेस के) कार्यकाल (सत्ता में) में हुआ. उन्हें जांच एजेंसियों के साथ जांच में सहयोग करना चाहिए और डरने की कोई जरूरत नहीं है. ये स्वतंत्र एजेंसियां हैं और वे राजनीतिक आधार पर काम नहीं करती हैं.’’ सीबीआई के छापे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस की बैठक के लिए नयी दिल्ली जाने से पहले सीबीआई ने उनके आवास पर छापेमारी की. कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए, बघेल के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अब सीबीआई आई है. आगामी आठ और नौ अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली एआईसीसी की बैठक के लिए गठित ड्राफ़्टिंग कमेटी की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है.’’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘तमाम असफल छापों और नाकाम साजिशों के बाद, अब भाजपा ने सीबीआई को भूपेश बघेल जी और देवेंद्र यादव जी के पीछे लगा दिया. आज सुबह से ही सीबीआई हमारे दोनों नेताओं के घर पर जमी हुई है, लेकिन ये सत्ता की हताशा के सिवाय कुछ नहीं. लेकिन याद रखो — न कांग्रेस झुकेगी, न कांग्रेस रुकेगी. ये लड़ाई सिर्फ नेताओं की नहीं, हर उस सच्चाई की है जिसे सत्ता के दम पर कुचलने की कोशिश हो रही है. भाजपा याद रखे — सत्य झुकता नहीं, और अन्याय का अंत निश्चित है....’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कार्रवाई की निंदा की और कहा कि केंद्रीय एजेंसियां बघेल को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं. सिंहदेव ने कहा, ‘‘बार-बार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को एजेंसियों द्वारा परेशान किया जाना बेहद निंदनीय है. यह केवल भूपेश जी की छवि को खराब करने की भाजपा की नाकाम कोशिश है. प्रदेश की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को चलाने में असमर्थ साबित हो रही है, इसीलिए जनता से जुड़े मुद्दों से का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे प्रयास कर रही है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले ईडी फिर सीबीआई- जांच एजेंसियों को भाजपा की बी टीम बनकर काम करने से फुर्सत ही नहीं है. अभी हाल में ईडी द्वारा विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई की रिपोर्ट खुद सरकार को जब दिखानी पड़ी तो निश्चित हो गया कि यह केवल धमकाने और परेशान करने का हथियार बना हुआ है. भाजपा द्वारा राजनीतिक द्वेष की भावना से की जा रही यह कार्रवाई लोकतंत्र का हनन है.’’ प्रदेश कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इस कार्रवाई को लेकर भाजपा की आलोचना की और दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी बघेल से डरी हुई है. शुक्ला ने कहा, ‘‘जब से बघेल पंजाब के पार्टी प्रभारी बने हैं, तब से भाजपा डरी हुई है. पहले उनके आवास पर प्रवर्तन निदेशालय को भेजा गया और अब सीबीआई भेजी गई है. इससे भाजपा का डर पता चलता है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि जब भाजपा राजनीतिक रूप से लड़ने में विफल हो जाती है, तो वह अपने विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करती है. शुक्ला ने कहा, ‘‘न तो भूपेश बघेल और न ही कांग्रेस पार्टी डरी हुई है.’’

उन्होंने कहा कि देश और राज्य के लोग भाजपा की इन ‘‘दमनकारी’’ नीतियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. शुक्ला ने कहा कि इससे पहले भी सीबीआई ने कथित सात साल पुराने (अश्लील) सीडी मामले में बघेल के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन हाल ही में अदालत ने उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया. हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में बघेल के आवास पर छापेमारी की थी. राज्य सरकार ने पिछले साल विभिन्न थानों में दर्ज कथित महादेव घोटाले से संबंधित 70 मामले और राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज एक मामला सीबीआई को सौंप दिया था. ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी में बघेल के साथ महादेव ऐप के प्रवर्तकों - रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को आरोपी बनाया गया था. बघेल ने ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी को ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ कहा था.

गौरतलब है कि ईडी महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामले की जांच कर रहा है, जिसका खुलासा राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था. ईडी ने इस मामले में पहले भी राज्य में कई छापे मारे थे और मामले में अभियोजन पक्ष की शिकायतें (आरोपपत्र) दायर की थीं, जिनमें कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के दो मुख्य प्रवर्तकों - चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ़ भी आरोप शामिल थे. इसने पहले दावा किया था कि महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप में उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ राजनीतिक नेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है. ईडी ने कहा था कि यह ऐप एक ‘अम्ब्रेला सिंडिकेट’ है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और 'बेनामी' बैंक खातों के एक वेब के माध्यम से धनशोधन करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की व्यवस्था करता है. एजेंसी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है.