Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि के 9 दिन माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों के अनुरूप क्रमशः इन रंगों के परिधान पहनें! जानें इनका आध्यात्मिक लाभ!
चैत्र नवरात्रि 2025 (Photo Credits: File Image)

  चैत्र नवरात्रि 2025 के शुरू होने में बस कुछ पल शेष रह गये हैं, नौ दिवसीय इस धार्मिक महोत्सव में आदि शक्ति से संबंधित कलश-स्थापना एवं अखण्ड दीप से हवन तक तमाम आध्यात्मिक क्रिया-कलाप सम्पन्न किये जाते हैं. इसी में एक महत्वपूर्ण पहलू है पहले से नौवें दिन तक अमुक रंग का परिधान पहनकर पूजा-उपासना करना. मान्यता है, कि अमुक देवी की शक्ति और उनके स्वरूप के अनुरूप वस्त्र धारण कर उनकी पूजा उपासना करने करने से प्रसन्न होती हैं, और मनोवांछित कामनाएं पूरी करती हैं. आइये जानें चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा से महानवमी तक किस रंग का परिधान पहनना चाहिए.   

दिन-1: (30 मार्च) पीला वस्त्र धारण करें     

 चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा को हिमालय पुत्री देवी शैलपुत्री का आह्वान के साथ जल से भरा कलश स्थापित कर जौ बो कर घटस्थापना करते हैं. शैलपुत्री देवी दुर्गा का पहला अवतार हैं, जो प्रकृति और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करती हैं. इस दिन पीले रंग का परिधान पहनकर पूजा करने से जातक को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. यह भी पढ़ें : Happy Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि और हिंदू नव वर्ष की शुरुआत, शुभकामनाएं देने के लिए ऐसे Download करें Instagram Video

दिन 2: (31 मार्च) सफेद वस्त्र पहनें

दूसरे दिन सफेद कपड़े पहन कर देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं. देवी ब्रह्मचारिणी ज्ञान और बुद्धि की प्रतिमूर्ति हैं और देवी दुर्गा का दूसरा अवतार हैं. देवी नंगे पैर चलती हैं, सफेद पोशाक पहनती हैं. देवी शांति और पवित्रता का प्रतीक हैं. इस दिन जातकों को सफेद कपड़े पहनने चाहिए.

दिन 3: (01 अप्रैल) आसमानी नीला वस्त्र पहनें      

तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा का विधान है. माथे पर अर्धचंद्र धारण करने वाली माँ दुर्गा का तीसरा अवतार, सुंदरता और साहस का प्रतीक हैं. बाघ पर सवार माँ चंद्रघंटा को चुनरी और खीर चढ़ाते हैं. पूजा के लिए आसमानी नीले रंग का वस्त्र पहनते हैंजो जीवंत एहसास कराता है.

दिन 4: (2 अप्रैल) नारंगी रंग का वस्त्र पहनें   

चौथे दिन देवी कूष्मांडा, जिनके आदेश पर भगवान ब्रह्मा ने 'ब्रह्मांड की रचना की थी, की पूजा का विधान है.

रचनात्मकता और आनंद के लिए जानी जाने वालीमाँ कूष्माण्डा शेर पर सवार शक्ति और स्थिरता का प्रतीक हैं. इस दिननारंगी रंग का वस्त्र पहनने से देवी प्रसन्न होती हैं, और जीवन में आनंद और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.

दिन 5: (03 अप्रैल) हरे रंग का वस्त्र पहनें     

पांचवें दिन देवी स्कंदमाता जिन्हें माता के रूप में पूजा जाता है. भगवान कार्तिकेय की माँ देवी स्कंदमाता दुर्गा जी का पांचवां रूप करुणा और मातृत्व का प्रतीक है. सिंह पर सवार देवी की पूजा हरे रंग का वस्त्र पहनकर पूजा करने से जीवन में आनंदचमक और खुशियां मिलती हैं.

दिन 6: (04 अप्रैल) लाल वस्त्र धारण करें

इस दिन जातक देवी कात्यायनी को पूजते हैं. कात्यायन वंश की कात्यायनी में जन्मी हैं और वह देवी दुर्गा का छठा अवतार हैं. इनका प्रिय रंग लाल हैजो प्रेमइच्छाउर्वरता और शांति का प्रतीक है. इस दिन लाल रंग का वस्त्र पहनना चाहिए.

दिन 7: (05 अप्रैल) रॉयल ब्लू वस्त्र पहनें

सातवें दिन देवी कालरात्रि, मुक्ति और विनाश का प्रतीक है. गधे पर सवार मां कालरात्रि का प्रिय रंग शाही नीला है, जो रहस्य और सूक्ष्मता का प्रतीक है. इस दिन शाही नीला परिधान पहनने से माँ से सुरक्षावैराग्य और परिवर्तनकारी आशीर्वाद प्राप्त होता है.

दिन 8: (06 अप्रैल) मैजेंटा पिंक वस्त्र धारण करें 

आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करते हैं. गोरा वर्ण वाली महागौरी दुर्गा जी का आठवां अवतार हैं, मान्यताओं के अनुसार इस दिन मैजेंटा पिंक वस्त्र पहनकर देवी की पूजा करने से जातक को सुख एवं समृद्धि प्राप्त होती है.