
ढाका/संयुक्त राष्ट्र, 9 जनवरी: भारत, रूस, चीन तथा एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई देशों ने प्रधानमंत्री के रूप में चौथी बार चुनाव जीतने पर शेख हसीना को बधाई दी. संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और ब्रिटेन ने चुनावों में ‘‘स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं’’ होने पर अपनी आपत्ति व्यक्त की. मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा बहिष्कार किए गए चुनावों में निवर्तमान प्रधानमंत्री हसीना की अवामी लीग (एएल) ने रविवार को 300 सदस्यीय संसद में 223 सीटें जीतीं.
बांग्लादेश सरकार ने चुनावों का पर्यवेक्षण करने के लिए भारत और अन्य देशों के साथ-साथ बहुपक्षीय संगठनों से बड़ी संख्या में विदेशी पर्यवेक्षकों को आमंत्रित किया था. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका अन्य पर्यवेक्षकों के साथ यह बात साझा करना चाहता है कि ये चुनाव स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं थे और हमें अफसोस है कि सभी दलों ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया.’’
उसने कहा, ‘‘बांग्लादेश सरकार को हिंसा की खबरों की विश्वसनीय जांच और दोषियों को जवाबदेह ठहराने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए. हम सभी राजनीतिक दलों से हिंसा से दूर रहने का आग्रह करते हैं.’’
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने बांग्लादेश की नवनिर्वाचित सरकार से लोकतंत्र और मानवाधिकारों के प्रति देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि रविवार को मतदान प्रक्रिया के दौरान विपक्षी उम्मीदवारों और समर्थकों की ओर से की गई हिंसा के कारण माहौल खराब हो गया. टर्क ने कहा, ‘‘मतदान से पहले के महीनों में हजारों विपक्षी दलों के समर्थकों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया है या धमकाया गया। ऐसी युक्तियां वास्तव में निष्पक्ष प्रक्रिया के लिए अनुकूल नहीं हैं.’’
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में ‘‘बेहद मश्किलों के बाद’’ लोकतंत्र कायम हुआ था और ‘‘ ये दिखावटी नहीं बनना चाहिए.’’ संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने कहा कि अक्टूबर से अब तक लगभग 25,000 विपक्षी दलों के समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दलों के प्रमुख नेता भी शामिल हैं. चूंकि पिछले दो माह हिरासत के दौरान कम से कम 10 विपक्षी दलों के समर्थकों की कथित तौर पर मृत्यु या हत्या के मामले सामने आये हैं, ऐसे में उन्होंने संभावित यातना के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस के सहयोगी प्रवक्ता फ्लोरेंसिया सोटो नीनो से सवाल पूछा गया कि क्या संयुक्त राष्ट्र का मानता है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष थे, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘वहां की स्थिति को लेकर आ रही खबरों को हमने देखा है. महासचिव इस बात पर नजर रखते हैं कि क्या हो रहा है. उन्होंने चुनावों से विपक्ष के बहिष्कार के फैसले पर भी गौर किया है.’’ ब्रिटेन ने कहा बांग्लादेश में 12वें संसदीय चुनावों के दौरान निष्पक्षता के मानकों को पूरा नहीं किया गया.
ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया. इसलिए बांग्लादेश के लोगों के पास अपने नेता को चुनने के लिए सभी विकल्प मौजूद नहीं थे.’’ एफसीडीओ ने अपने बयान में ‘‘मतदान से पहले विपक्षी दल के सदस्यों की बड़ी संख्या में हुई गिरफ्तारियों’’ पर भी चिंता व्यक्त की. इसके विपरीत सोमवार और मंगलवार को भारत, चीन, रूस और एशिया, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई अन्य देशों ने हसीना को चुनाव में जीत पर बधाई दी.
भारत के प्र�ा चुनाव