
कोकराझार, 17 फरवरी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बीके शर्मा जांच समिति ने खुलासा किया है कि असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) को ‘एक निजी संस्थान में बदल दिया गया’ और 2013 व 2014 की सिविल सेवा परीक्षाओं के दौरान रुपये लेकर नौकरियां दी गईं।
वर्ष 2013 और 2014 की एपीएससी परीक्षाओं में विसंगतियों व कदाचारों ने ‘समिति की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया’ और यह ‘कार्यभार संभालते समय उसकी कल्पना से परे था’।
दोनों वर्षों के मामलों की जांच एक ही व्यक्ति की समिति द्वारा अलग-अलग की गई थी।
एपीएससी ‘रुपये लेकर नौकरी देने’ के घोटाले में शामिल था, जिसका खुलासा 2016 में हुआ था।
तत्कालीन अध्यक्ष राकेश पॉल और 50 से अधिक सिविल व पुलिस अधिकारियों सहित लगभग 70 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में 2013 और 2014 के लिए संयुक्त प्रतियोगी परीक्षाओं (सीसीई) में अनियमितताओं पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शर्मा समिति की दो रिपोर्टें पेश कीं।
वर्ष 2013 की परीक्षा की रिपोर्ट 21 मार्च, 2022 को समिति द्वारा सरकार को सौंपी गई थी जबकि 2014 की परीक्षा की दूसरी रिपोर्ट 12 अक्टूबर 2023 को सौंपी गई थी।
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