दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश माने जाने वाले अमेरिका (America) पर 9 सितंबर 2001 ( 9/11Attacks) को हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी थी. इस आतंकी हमले को अब तक सबसे बड़ा हमला माना जाता है. आतंकी हमले की आज 18वीं बरसी है. अलकायदा से जुड़े 19 आतंकवादियों ने 11 सितंबर, 2001 को चार विमानों का अपहरण कर लिया था और अमेरिका को निशाना बनाते हुए आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया था.
दो विमानों ने न्यूयॉर्क शहर के वल्र्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टॉवरों को निशाना बनाया था. तीसरे विमान ने वाशिंगटन डीसी के बाहर पेंटागन को निशाना बनाया और चौथा विमान पेन्सिलवेनिया में एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. इस हमले में करीब 3,000 लोग मारे गए थे.
बता दें कि 11 सितम्बर 2001 को अलकायदा का मुखिया ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका हमले साजिश रचा हुआ था. वारदात को अंजाम देने के लिए 1988 में आतंकी ओसामा बिन लादेन ने पहली बैठक की थी. जिसके बाद न्यू यॉर्क शहर के ट्विन टावर वर्ल्ड सिटी सेंटर और पेंटागन पर हुए आत्मघाती हमले फिदायीन हमलावरों ने अंजाम दिया था. वहीं इस आतंकी हमले के बाद ही अफगानिस्तान में तालिबान का पतन हुआ था. आज 18 साल बाद भी करीब 14,000 अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में तैनात हैं.
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जानें 9/11 हमले से पहले और बाद की पूरी दास्तां
अल-कायदा के 19 आतंकियों ने 11 सितंबर 2001 को अल कायदा के चार अमेरिकी विमान हाइजैक कर लिया था. जिसके बाद पहला हमला सुबह 8:46 और 9:03 बजे न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ और साउथ टावर से टकरा दिया. उसके बाद न्यूयॉर्क की नाक कही जाने वाली इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पलभर में जमींदोज हो गई.
9/11 के आतंकवादी हमले में 2996 लोग मारे गए थे और 6000 घायल हो गए थे. इस घटना में 100 पुलिस अधिकारी और फायर फाइटर्स के जवान भी शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले से अमेरिका का 10 बिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी बर्बाद हो गई और अर्थव्यवस्था पर उसका असर पड़ा था.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में सात इमारतों का एक कॉम्प्लेक्स था. 13,400,000 स्क्वायर फीट में ऑफिस स्पेस था और 50 हजार लोग काम करते थे और अन्य 2 लाख लोग यहां से गुजरते थे.
9/11 के आतंकी हमले की जिम्मेदारी अल -कायदा ने अंजाम दिया था. जिसका कमांडर ओसामा बिन लादेन था. इस घटना के बाद अमेरिका बौखाला गई थी और एक गुप्त ऑपरेशन के तहत 2 मई 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मार डाला.
इस हमले को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इस घटना को अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया था. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की जगह पर अब एक नेशनल सितंबर 11 मेमोरियल और म्यूजियम बनाया गया है.