
India vs Pakistan The Greatest Rivalry: क्रिकेट इतिहास में भारत और पाकिस्तान के बीच की प्रतिद्वंद्विता सिर्फ एक खेल भर नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक, राजनीतिक और ऐतिहासिक कहानी भी है. इस ऐतिहासिक टकराव को समझने और क्रिकेट प्रेमियों को इसके गोल्डन पीरियड से जोड़ने के लिए नेटफ्लिक्स ने ‘The Greatest Rivalry: India vs Pakistan’ नामक एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है. लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या यह सीरीज वाकई इस महान प्रतिद्वंद्विता को सही तरीके से पेश कर पाई है या फिर इसमें कई अहम हिस्सों की कमी रह गई? पूरी डॉक्यूमेंट्री सिर्फ़ 2004-05 में भारत के पाकिस्तान दौरे के इर्द-गिर्द घूमती है. जहां पाकिस्तान हार गया था. अगर वे वाकई प्रतिद्वंद्विता का असली सार दिखाना चाहते थे, तो पाकिस्तान के पिछले भारत दौरे को भी क्यों नहीं दिखाया गया. यह भी पढ़ें: क्या फ्री डिश पर उपलब्ध होगा भारत बनाम इंग्लैंड तीसरे वनडे मैच का लाइव टेलीकास्ट? जानिए कैसे देखें दूरदर्शन के टीवी चैनल पर मुकाबले का प्रसारण
शोएब अख्तर की बेबाकी और सहवाग की सतर्कता
डॉक्यूमेंट्री में वीरेंद्र सहवाग और शोएब अख्तर प्रमुख रूप से नजर आते हैं. शोएब अपने चिर-परिचित अंदाज में खुलकर बात करते हैं, जैसे कि जब उन्होंने 1999 में ईडन गार्डन्स में सचिन और द्रविड़ को लगातार गेंदों पर बोल्ड किया था. "एक लाख लोग 'सचिन-सचिन' चिल्ला रहे थे, दस सेकंड बाद, बस मैं चिल्ला रहा था!"
तीन भागों में सिमटी 70 साल की क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट की शुरुआत 1952 में हुई थी, लेकिन नेटफ्लिक्स की यह डॉक्यूमेंट्री तीन दशकों (1990 के दशक से लेकर 2008 तक) की घटनाओं पर ही केंद्रित रही. विशेष रूप से 1999 में पाकिस्तान के भारत दौरे और 2004 में भारत के ऐतिहासिक पाकिस्तान दौरे पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. हालांकि, इस सीरीज में कई ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण मैचों को अनदेखा कर दिया गया, जिससे इसकी व्यापकता पर सवाल उठता है.
रोमांचक पल जो यादगार बने
सीरीज में 1999 और 2004 के दौरे को मुख्य रूप से दिखाया गया है. 1999 में चेन्नई टेस्ट में पाकिस्तान की जीत के बाद भारतीय दर्शकों ने खड़े होकर पूरी पाकिस्तानी टीम को तालियां बजाकर सम्मान दिया था. इसके अलावा, दिल्ली टेस्ट में अनिल कुंबले के ऐतिहासिक 10 विकेट, शोएब अख्तर द्वारा कोलकाता के ईडन गार्डन में राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर को लगातार दो गेंदों पर आउट करना, और 2004 में भारत का पहली बार पाकिस्तान में वनडे सीरीज जीतना, यह सभी ऐतिहासिक क्षण इस डॉक्यूमेंट्री में देखे जा सकते हैं.
क्या अधूरा रह गया?
ऐतिहासिक मुकाबलों का अभाव: इस डॉक्यूमेंट्री में 2003 विश्व कप में सचिन तेंदुलकर की 98 रनों की तूफानी पारी, 2007 के टी20 वर्ल्ड कप के दो रोमांचक मुकाबले, 2011 विश्व कप के मोहाली सेमीफाइनल और 2022 टी20 विश्व कप में विराट कोहली की जादुई पारी को नजरअंदाज किया गया है.
राजनीतिक पहलू पर ज्यादा जोर: डॉक्यूमेंट्री में भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों के राजनीतिक प्रभाव पर काफी ध्यान दिया गया है. 26/11 हमलों के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध कैसे टूटे, इसे भी फिल्म में दिखाया गया है. हालांकि, इस विषय पर ज्यादा जोर देने के कारण कई क्रिकेटिंग लम्हों को अनदेखा कर दिया गया.
क्रिकेटरों की कमी: इस सीरीज में तेंदुलकर, धोनी, द्रविड़, कोहली, इमरान खान, वसीम अकरम और मिस्बाह-उल-हक जैसे बड़े नामों के इंटरव्यू नहीं लिए गए. यह किसी भी क्रिकेट डॉक्यूमेंट्री के लिए एक बड़ी चूक कही जाएगी.
भारत-पाक प्रतिद्वंद्विता बनाम एशेज
अक्सर बहस होती है कि दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता कौन-सी है. एशेज (इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया) या भारत-पाकिस्तान मुकाबले? एशेज क्रिकेट-केंद्रित मुकाबला होता है, जबकि भारत-पाक मुकाबले का प्रभाव राजनीति से भी जुड़ा होता है. कई क्रिकेटरों का मानना है कि भारत-पाक मैच का क्रेज अधिकतर प्रचार और मीडिया हाइप की वजह से बढ़ता है, जबकि एशेज में क्रिकेटिंग प्रतिस्पर्धा को अधिक महत्व दिया जाता है.