Ramadan 2025 Sehri and Iftar Time: रमजान का 13वां रोजा, जानें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ में आज कितने बजे की जाएगी इफ्तार और कल का सहरी का टाइम
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Ramadan 2025 Sehri and Iftar Time: रमजान मुस्लिम धर्म का सबसे पवित्र और बरकत वाला महीना माना जाता है। यह महीना खासकर रोजा, इबादत और नेकियों के लिए होता है. रमजान का यह पाक महीना 1 मार्च को चांद दिखने के अगले दिन यानी 2 मार्च से रोजा शुरू हुआ है. आज, 14 मार्च को रमजान का 13वां रोजा है. दिल्ली, मुंबई, लखनऊ सहित अन्य शहरों में आज इफ्तार और कल कितने बजे सहरी के जाएगी समय जानना बेहद  जरूरी है.

जानें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ का आज का इफ्तार का समय

हालांकि, रमजान के इस पाक महीने में कुछ शहरों में इफ्तार और सहरी के समय में कुछ मिनटों का अंतर होता है, लेकिन आमतौर पर यह समय लगभग समान ही होता है. रमजान के महीने में रोजा और सहरी दोनों को सही समय पर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि क़ुरान में फरमाया गया है कि रोजा तभी पाक होगा जब उसे सही समय पर रखा जाए और शाम को सही समय पर इफ्तार किया जाए, इसके बाद नमाज अदा करने के बाद इबादत की जाए. जानते हैं कि दिल्ली, मुंबई, लखनऊ सहित अन्य शहरों में आज इफ्तार और कल कितने बजे सहरी की जायेगी. यह भी पढ़े: Ramadan 2025 Sehri and Iftar Time In India: दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और कोलकाता में आज कितने बजे हैं इफ्तार, यहां जानें कल का सहरी का टाइम

इफ्तार- सहरी का समय:

शहर इफ्तार का समय सहरी का समय
दिल्ली 6:26 PM 5:13 AM
मुंबई 6:50 PM 5:24 AM
लखनऊ 6:16 PM 4:45 AM
कानपुर 6:28 PM 4:42 AM
रायबरेली 6:16 PM 4:47 AM

रमजान की बरकत:

रमजान का यह पाक महीना बरकतों और खुशियों से भरा हुआ होता है. मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने में रोजा रखने के बाद  पञ्च वक्त की नमाज और 20 रकत तरावीह पढ़ी जाती है.

तरावीह की फजीलत:

तरावीह की फज़ीलत के बारे में कहा जाता है कि इस नमाज को पढ़ने से रोजेदार को कई गुना सवाब (अच्छे कामों का पुरस्कार) मिलता है. हदीसों में भी तरावीह की अहमियत का ज़िक्र किया गया है. एक हदीस में है: "जो रमजान में ईमान और सच्ची नीयत के साथ तरावीह पढ़े, उसके पिछले सारे गुनाह माफ कर दिए जाते हैं.

फीतारा जकात (फितरा) क्या है, किसे दी जाती है:

फीतारा जकात रमजान के अंत में दी जाती है, खासतौर पर ईद-उल-फितर के दिन. यह एक प्रकार की अनिवार्य दान राशि होती है, जो जरूरतमंदों को दी जाती है ताकि वे भी ईद का त्योहार खुशी-खुशी मना सकें. हर मुस्लिम व्यक्ति अपने घर के प्रत्येक सदस्य के लिए फितरा जकात अदा करता है.

ईद की नमाज के बाद एक-दूसरे को दी जाती है बधाई:

ईद की नमाज के बाद, मुस्लिम समुदाय एक-दूसरे से मिलकर बधाई देते हैं और खुशी मनाते हैं। यह दिन एकता और भाईचारे का प्रतीक होता है, और सभी लोग अपने परिवार, दोस्तों, और समाज के साथ इस खुशी को साझा करते हैं। ईद के दिन विशेष रूप से गरीबों और जरूरतमंदों को दान दिया जाता है।