"हिंदू विवाह अधिनियम, 1956 की धारा 26 के तहत, न्यायालय को कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान या अधिनियम के तहत कोई डिक्री पारित होने के बाद बच्चों की हिरासत, रखरखाव और शिक्षा के संबंध में कोई भी आदेश पारित करने या कोई अन्य व्यवस्था करने का अधिकार दिया गया है. इस खंड के तहत किए गए आदेश समय-समय पर विविध, निलंबित या निरस्त किए जा सकते हैं. इस धारा का उद्देश्य नाबालिग बच्चे के कल्याण के लिए उचित और उचित प्रावधान करना है.

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