"हिंदू विवाह अधिनियम, 1956 की धारा 26 के तहत, न्यायालय को कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान या अधिनियम के तहत कोई डिक्री पारित होने के बाद बच्चों की हिरासत, रखरखाव और शिक्षा के संबंध में कोई भी आदेश पारित करने या कोई अन्य व्यवस्था करने का अधिकार दिया गया है. इस खंड के तहत किए गए आदेश समय-समय पर विविध, निलंबित या निरस्त किए जा सकते हैं. इस धारा का उद्देश्य नाबालिग बच्चे के कल्याण के लिए उचित और उचित प्रावधान करना है.
Child Custody Orders Not Rigid And Final, Capable Of Being Altered Keeping In Mind Needs Of Child: Patna High Court #ChildCustody #PatnaHC https://t.co/6R3Cq0e4WX
— Live Law (@LiveLawIndia) May 18, 2023
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)